प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के जोरहाट में अहोम सेनापति लचित बोरफुकन की 125 फुट ऊंची प्रतिमा का शनिवार को अनावरण किया। पीएम मोदी ने टोक के समीप होलोंगापार में लचित बोरफुकन मैदान डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट में स्टैच्यू ऑफ वेलर का अनावरण किया। हेलीकॉप्टर से अरूणाचल प्रदेश से जोरहाट पहुंचे पीएम मोदी ने पारंपरिक पोशाक और पगड़ी पहनी हुई थी। इसी के साथ पीएम मोदी ने प्रतिमा का अनावरण करने के लिए अहोम समुदाय की एक रस्म भी निभाई। इस दौरान सीएम हेमंत विश्व शर्मा भी मौजूद रहे।
कौन थे लचित बोरफुरन?
बता दें कि राम वनजी सुतार द्वारा निर्मित इस प्रतिमा की ऊंचाई 84 फुट है और यह 41 फुट के प्लेटफॉर्म पर स्थापित की गई है। इस तरह देखा जाए तो संरचना की कुल ऊंचाई 125 फुट हो गयी है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने फरवरी 2022 में इस प्रतिमा की नींव रखी थी। लचित बोरफुकन अहोम साम्राज्य के एक महान सेनापति थे। उन्हें 1671 की सरायघाट की लड़ाई में उनके नेतृत्व के लिए जाना जाता है जिसमें राजा रामसिंह प्रथम के नेतृत्व में असम को वापस हासिल करने के लिए शक्तिशाली मुगल सेना की कोशिशों को नाकाम कर दिया था।
चाय बागान और काजीरंगा भी गए पीएम
पीएम मोदी आज पूर्वोत्तर के राज्यों का दौरा कर रहे हैं। इसी कड़ी में सुबह पीएम मोदी ने असम में मौजूद काजीरंगा नेशनल पार्क में हाथी की सवारी की। इसके साथ ही काजीरंगा में उन्होनें अन्य जानवरों की तस्वीरें अपने कैमरे में कैद की। इसके बाद पीएम मोदी ने अरूणांचल प्रदेश में सेला सुरंग का उद्घाटन किया। पीएम ने पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए 55,600 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इसके बाद पीएम मोदी फिर असम पहुंचे और लचित बोरफुकन की प्रतिमा का उन्होनें उद्घाटन किया। इसी के साथ पीएम ने चाय के बागान भी गए।