बीजेपी के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी को Bharat Ratna से सम्मानित किया जाएगा। पीएम मोदी ने शनिवार को इसकी घोषणा की है। ऐसे में हम सभी को ये जानना बेहद जरुरी हो जाता है कि भारत रत्न किसे दिया जाता है और इस पुरस्कार के मिलने के बाद संबंधित सम्मानित व्यक्ति को क्या सुविधाएं मिलती हैं।
भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान असाधारण और सर्वोच्च सेवा को मान्यता देने के लिए दिया जाता है। यह सम्मान राजनीति, कला, साहित्य, विज्ञान के क्षेत्र में किसी विचारक, वैज्ञानिक, उघोगपति, लेखक और समाजसेवी को दिया जाता है।
2 जनवरी 1954 से हुई Bharat Ratna की शुरुआत
Bharat Ratna देने की शुरुआत 2 जनवरी 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने की थी। यह सम्मान सबसे पहले स्वतंत्र भारत के पहले गर्वनर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन और वैज्ञानिक डॉक्टर चंद्रशेखर वेंकट रमन को 1954 में दिया गया था। तब से कई लोगों को अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ठ योगदान देने के लिए यह सम्मान दिया जा चुका है।
साल 1955 से मिलने लगा मरणोपरांत भी सम्मान
साल 1954 में भारत रत्न केवल जीवित व्यक्ति के ही दिया जाता था लेकिन 1955 में मरणोपरांत भी भारत रत्न दिए जाने का प्रावधान जोड़ा गया। एक साल में सिर्फ तीन भारत रत्न ही दिए जाते हैं। अब तक कुल 48 लोगों को ही भारत रत्न सम्मान दिया जा चुका है। आखिरी बार यह सम्मान साल 2019 में दिया गया था।
साल 2019 में समाज सेवा के क्षेत्र में नानाजी देशमुख (मरणोपरांत), कला क्षेत्र में डॉक्टर भूपेन हजारिका (मरणोपरांत) और भारत के पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
क्या मिलती है सुविधाएं?
- भारत रत्न से सम्मानित शख्सियत को एक सरकार की ओर से प्रमाणपत्र और एक मेडल दिया जाता है। हालांकि, इस सम्मान के साथ कोई धनराशि नहीं मिलती है।
- भारत रत्न पाने वाले सम्मानित व्यक्ति को सरकारी महकमे सुविधाएं देते हैं। रेलवे ऐसी शख्सियत को फ्री रेल यात्रा की सुविधा देता है।
- इस सम्मान से नवाजी गई शख्सियत को मुख्य सरकारी कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए निमंत्रण दिया जाता है।
- सरकार वॉरंट ऑफ प्रेसिडेंस में उन्हें जगह देती है।
- भारत रत्न शख्सियत को प्रोटोकॉल में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, पूर्व राष्ट्रपति, उपप्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस, लोकसभा अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री, पूर्व पीएम और संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता के बाद स्थान मिलता है। बता दें, वॉरंट ऑफ प्रेसिडेंट का प्रयोग सरकारी कार्यक्रमों में वरियता देने के लिए होता है।