‘छोटा शकील’ जिसने दाऊद इब्राहिम की मौत से पर्दा उठाकर ये दावा किया है कि दाऊद इब्राहिम 1000 फीसदी ठीक है। ऐसे में अब कई लोगों के मन में ये सवाल है कि आखिर ये छोटा शकील है कौन? इसका दाऊद से क्या नाता है। तो आईये आपको बताते हैं छोटा शकील की पूरी कहानी।
छोटा शकील चलाता था ट्रैवल एजेंसी
छोटा शकील का जन्म 31 दिसंबर 1955- 1960 को महाराष्ट्र में बताया जाता है। छोटा शकील के जन्म का नाम मोहम्मद शकील बाबू मियां शेख था। 60 के दशक के बीच में मध्य में दक्षिण मुंबई के नागपाड़ा में शकील संदिग्ध ट्रैवल एजेंसी चलाता था। 1980 के दशक में वह दाऊद के साथ मिला और माफिया को तौर पर उभरा। छोटे शकील को दाऊद का सबसे विश्वासपात्र माना जाता है। कुछ मीडिया रिपोर्ट में मिली जानकारी के अनुसार छोटा शकील दाऊद की डी कंपनी में अघोषित सीईओ की हैसियत से रहता है।
छोटा शकील के तीन बच्चे
शकील के तीन बच्चे हैं। एक बेटा मुबशीर शेख, दो बेटिया जोया और अनाम। दोनों बेटियों की कराची में डॉक्टरों से शादी हो रखी है। और शकील के बेटे ने आध्यात्मिकता की राह पकड़ ली है। उसने कुरान हिफ्ज याद किया है और अब वो कई लोगों को कुरान पढ़ाता है।
मुंबई सीरियल ब्लास्ट की साथ में बनाई योजना
1988 में राष्ट्रीय सुरक्षा एक्ट के तहत गिरफ्तार होने के बाद छोटा शकील लगभग चार महिने जेल में रहा, फिर जमानत मिलने के बाद वह दाऊद के पास दुबई चला गया। बाद में दोनों ने मार्च 1993 में भारत के सबसे बड़े आतंकवादी हमले मुंबई सीरियल ब्लास्ट करने की साजिश बनाई और इस काम को अंजाम दिया और भारत से भागकर दोनों पाकिस्तान चले गए। वहीं पाकिस्तान में दाऊद के नए ठिकाने और छोटा शकील समेत उनके सहयोगियों की पुष्टि दाऊद के भाई इब्राहिम कास्कर ने की थी। इब्राहिम कास्कर अभी भी जेल में बंद है।
दाऊद का राइट हैंड है छोटा शकील
छोटा शकील को दाऊद इब्राहिम का राइट हैंड कहते हैं। कहा जाता है कि जब भी दाऊद की अदालत लगती है तो उसका दाहिनां हाथ छोटा शकील या फिर दाऊद का भाई फोन पर होते हैं, और मामला सुनते हैं और निपटा भी देते हैं। वहीं मुंबई में दाऊद की गैंग के ज्यादा झगड़े छोटा शकील ही सुलझाता है।
कैसे मिला छोटा शकील नाम
दाऊद के करीबी छोटा शकील का असली नाम शकील बाबूमियां शेख है। शकील से पहले डी गैंग में लंबू शकील नाम का एक सदस्य हुआ करता था। लंबू डी कंपनी के फाइनेंस का पूरा जिम्मा संभालता था। उसके लंबे कद के बाद दाऊद गैंग से शकील बाबूमियां जुड़ा इसलिए दाऊद ने उसे छोटा शकील नाम दे दिया।
शकील को दाऊद से इस बात का डर
कहा जाता है कि छोटा शकील ये मानने को तैयार नहीं होता कि दाऊद को किसी उत्तराधिकारी की जरूरत है। वह सालों से दाऊद के साथ खून पसीना सींच रहा है। वारिस के जिक्र से उसे डर लगता है कि कहीं उसे दूध में पड़ी मक्खी की तरह न निकाल दिया जाए।