धामी कैबिनेट विस्तार को लेकर लगातार अटकलें लगाई जाती रहती हैं। लेकिन अगस्त महीने में इन खबरों को तब मिला जब प्रदेश प्रभारी दुष्यन्त गौतम, मुख्यमंत्री धामी ने इस दिशा में विचार विमर्श और भाजपा अध्यक्ष ने विधानसभा सत्र के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की बात कही लेकिन सितंबर के महीना शुरू हो गया है। मंत्रिमंडल विस्तार ना होने पर विपक्ष सत्ता पक्ष पर अब तंज कसता हुआ नजर आ रहा है।
धामी मंत्रिमंडल विस्तार होगा कब ?
उत्तराखंड में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर समय-समय पर चर्चाओं के बाजार गर्म होते रहते हैं। लेकिन अगस्त महीने में जिस तरीके से प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम के द्वारा मंत्रिमंडल विस्तार की दिशा में काम किए जाने और फिर मुख्यमंत्री के द्वारा मंत्रिमंडल विस्तार के लिए संगठन के साथ चर्चा करने और फिर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के द्वारा विधानसभा की मानसून सत्र के बाद मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बयान दिए गए। उससे लगा कि उत्तराखंड में कभी भी धामी मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है। लेकिन अब सितम्बर का महीना शुरू हो गया है मंत्रिमंडल विस्तार का मामला अभी भी शांत नजर आ रहा है।
अब विपक्ष भी सत्ता पक्ष पर कस रहा तंज
विपक्ष का कहना है कि भाजपा के नेता केवल मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कोरे बयान देते हैं। कांग्रेस की प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार केवल अपने विधायकों के लिए शिगूफा है। भाजपा के भीतर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसलिए मंत्रिमंडल विस्तार की बातें केवल शिगूफे की तौर पर छोड़ी जाती हैं।
संगठन को जब लगेगा ठीक तब होगा विस्तार
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता के बयान पर भाजपा विधायक विनोद चमोली ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि कांग्रेस की प्रवक्ता को पहले इस तरह सवाल पूछने का अधिकार बनता नहीं है क्योंकि वो हरीश रावत की रिश्तेदार हैं। हरीश रावत ने जितना मंत्रिमंडल विस्तार लटकाए रखा था उससे उनकी ही सरकार पर संकट आ गया था। भाजपा में सब कुछ ठीक ठाक चल रहा है। सरकार बढ़िया चल रही है, संगठन को जब लगेगा कि विस्तार करना है तो विस्तार होगा और नहीं लगेगा तो विस्तार नहीं होगा।