मसूरी : एक इन्पेक्टर पिता ने अपनी कमांडेंट बेटी को सैल्यूट किया तो वहां मौजूद लोग तालियां बजाने लगे. एक पिता के लिए इससे ज्यादा और गर्व भरा पल क्या होगा कि उसकी बेटी जिसको उन्होंने उंगली पकड़कर चलना सिखाया वो उनसे बड़ा पद हासिल करेगी और पिता को ही एक दिन अपनी बिटिया को सैल्यूट करना पड़ेगा.
जी हां बता दें कि यूपीएससी चयन प्रक्रिया से आईटीबीपी में पहली बार दो महिलाएं अधिकारी बनीं हैं। रविवार को असिस्टेंट कमांडेंट प्रकृति और दीक्षा ने आईटीबीपी में शामिल होकर देश की रक्षा करने की शपथ ली। पीओपी मसूरी मे आयोजित की गई जिसमे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी शिरकत की। इस परेड में दो महिला अफसर शामिल थीं। उनमे से एक थी दीक्षा जिनके पिता आईटीबीपी में इंस्पेक्टर हैं। ये क्षण देख सबका दिल भर आया। मां पति और बेटी को हंसते हुए निहारती रही। एक पिता अपनी अफसर बिटिया को सलाम करते नजर आए। वहां मौजूद लोगों ने भी दीक्षा को सलाम किया।
पासिंग आउट परेड में आईटीबीपी के 53 अधिकारियों ने शिरकत की ,एक साल के कठिन प्रशिक्षण करने बाद सभी अधिकारी आईटीबीपी की मुख्यधारा में शामिल हुए। इसमें उत्तरप्रदेश से 11, राजस्थान से सात, महाराष्ट्र से सात, उत्तराखंड से छह, हरियाणा से छह, कर्नाटक से तीन, बिहार से तीन, लद्दाख से दो, मणिपुर से दो, चंडीगढ़ से दो, पंजाब से एक, तमिलनाडू से एक, केरल से एक, झारखंड से एक अधिकारी शामिल है।
असिस्टेंट कमांडेंट बनीं दीक्षा मूल रूप से उत्तर प्रदेश के इटावा की रहनी वाली हैं। उनके पिता इंस्पेक्टर हैं। दीक्षा ने कहा कि आईटीबीपी में एक अधिकारी के रूप में शामिल होने का उनका सपना आज पूरा हुआ है।
उन्होंने कहा उनके पिता ने हमेशा प्रोत्साहित किया। उन्हीं के मार्गदर्शन में आज यह मुकाम हासिल किया है।