Cervical Cancer: सर्वाइकल कैंसर का खतरा महिलाओं में तेज़ी से बढ़ रहा है। ऐसे में जरुरी है की सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों को शुरुआत में ही पहचान कर उसका इलाज़ कर लें। इस तरह के कैंसर से बचाव और इलाज दोनों हो सकता है। लेकिन अधिकतर महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर के बारे में पता ही नहीं होता।
जिसके चलते सही समय पर इलाज मिलपाना मुश्किल हो जाता है। महिलओं में ये सबसे आम कैंसर है। सबसे ज्यादा ये युवा महिलाओं में देखने को मिलता है। 2019 के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 45,000 से अधिक महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर से मौत हुई थी।
क्या है Cervical Cancer?
शरीर की कोशिकाएं कैंसर में असामान्य और अनियंत्रित रूप से बढ़ती है। शरीर में जिस जगह कैंसर की शुरुआत होती है। उसी अंग के नाम से कैंसर जाना जाता है। ऐसे में जब कैंसर गर्भाशय ग्रीवा में होता है तो उसे सर्वाइकल कैंसर या गर्भाशय ग्रीवा कैंसर खा जाता है। इसको बच्चेदानी के मुंह का कैंसर के नाम से भी जाना जाना है।
Cervical Cancer के जोखिम
सर्वाइकल कैंसर यूट्स के सबसे नीचे हिस्से का ट्यूमर है, जो यूट्स के निचे वाले हिस्से से विकसित होता है। सर्वाइकल कैंसर ज्यादातर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) के इन्फेक्शन की वजह से होता है। जो वायरस का एक ग्रुप है। ये यौन संपर्क के समय फैलता है।असुरक्षित यौन संबंध, कम उम्र में यौन समागम करना मौखिक गर्भ निरोधकों यानी (oral contraceptive) का ज्यादा प्रयोग,सिगरेट पीना आदि से HPV इन्फेक्शन हो सकता है।
सर्वाइकल कैंसर लक्षण (Cervical Cancer Symptoms)
आम तौर पर शुरुआत में कैंसर के लक्षण नहीं दिखाई देते। लेकिन जैसे जैसे समय के साथ कैंसर शरीर में बढ़ने लगता है इसके लक्षण दिखाई देने लगते है। इस तरह के कैंसर में पहला लक्षण यौनी से असामान्य रक्त स्राव होना होता है। जब कैंसर एडवांस स्टेज पर पहुंच जाता है तब रक्त स्त्राव के अधिक होने की सम्भावना होती है।