गैस गीजर में गर्म किए पानी में और चूल्हे में गर्म किए पानी में अंतर होता है। ये स्वास्थ्य, त्वचा और पानी के गुणों पर असर डाल सकते हैं। आइये ये अंतर समझते हैं।
मिट्टी का चूल्हा
इसमें पानी धीरे-धीरे गर्म होता है और एक समान तापमान पर रहता है। इस प्रक्रिया में पानी का तापमान ज्यादा नहीं बढ़ता, जिससे यह त्वचा और स्वास्थ्य के लिए बेहतर माना जाता है।
इसमें पानी गर्म करने पर प्राकृतिक खनिज मिलते हैं। इन खनिजों के कारण पानी में विशेष गुण आ जाते हैं। जो त्वचा के लिए लाभकारी माने जाते हैं। दूसरी ओर गैस गीजर में ऐसा कोई प्राकृतिक तत्व नहीं मिलता है।
इसमें पानी का ph स्थिर रहता है। जो त्वचा के लिए फायदेमंद हो सकता है।
माना जाता है कि मिट्टी के चूल्हे में गर्म पानी कर नहाने से शरीर की थकान कम होती है और थकान कम होती है और त्वचा में नमी बनी रहती है।
गैस गीजर
इसमें पानी तेजी से गर्म होता है। इसका तापमान अधिक हो सकता है। इसे नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है।
ये ऊर्जा संसाधन की खपत करता है और पर्यावरण पर असर डालता है।
गीजर में पानी तेजी से गर्म होता है जिससे पानी में मौजूद ऑक्सीजन कम हो जाती है। यह पानी त्वचा को थोड़ा ड्राई कर सकता है।
गैस या चूल्हा कौन बेहतर?
अगर त्वचा और स्वास्थ्य के लाभ को देखा जाए, तो मिट्टी के चूल्हे में गर्म किया गया पानी ज्यादा फायदेमंद माना जा सकता है, जबकि सुविधा और समय की बचत के हिसाब से गैस गीजर बेहतर विकल्प है।