ईडी ने एक बड़ा खुलासा किया और कहा कि भारत में करों के भुगतान से बचने के लिए स्मार्टफोन निर्माता वीवो द्वारा चीन को 62,476 करोड़ रुपये “अवैध रूप से” हस्तांतरित किए गए हैं, यह पैसा चीन के अलावा अन्य देशों को भी भेजा गया है जो कि वीवो के कुल व्यापार 1,25,185 करोड़ रुपये का आधा है।
प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को कहा, क्योंकि उसने चीनी नागरिकों और कई भारतीयों से जुड़े एक प्रमुख मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट का भंडाफोड़ करने का दावा किया है। ईडी ने बताया की वीवो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसकी 23 सम्बद्ध कंपनियों के खिलाफ बुधवार को अभियान चलाकर सघन तलाशी अभियान के बाद कंपनी के बैंक खातों में जमा 465 करोड़ रुपए की राशि जब्त की गई है। इसके अलावा करीब 73 लाख रुपए और दो किलोग्राम सोने की छड़ें भी जब्त की गई है।
ईडी ने कहा की वीवो के पूर्व निदेशक बिन लाऊ ने भारत में कई कंपनियां बनाने के बाद वर्ष 2018 में देश छोड़ दिया था. जाँच एजेंसी की नजरें अब इन कंपनियों के वित्तीय लेन देन पर है। ईडी के अधिकारियों का कहना है कि वीवो के कर्मचारी जाँच में सहयोग नहीं कर रहे है और सूचनाओं को छुपाने का प्रयास कर रहे है।
अप्रैल महीने में ईडी ने शाओमी इंडिया पर कार्रवाई की थी और चीनी कंपनियों से जुड़े बैंक खातों में जमा किए गए ₹5 हजार करोड़ से ज्यादा रुपए जब्त कर लिए हैं। ये कार्रवाई विदेशी प्रबंधन अधिनियम (FEMA), 1999 के तहत अंजाम दी गई है।