भारतीय मूल के Vivek Ramaswamy ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद की दावेदारी छोड़ दी है। रामास्वामी ने डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन करने की बात कही है। विवेक रामास्वामी ने सोमवार को राष्ट्रपति पद की रेस से हटने का ऐलान किया है। इस दौरान रामास्वामी ने कहा कि मेरे लिए अब कोई रास्ता नहीं बचा है। दरअसल 15 जनवरी को रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी के लिए पहली कॉकस का आयोजन हुआ था। यह कॉकस आयोवा में हुई थी और इसमें डोनाल्ड ट्रंप को जीत मिली है।
Vivek Ramaswamy ने अपनी उम्मीदवारी वापस ली
Vivek Ramaswamy के इस साल होने वाली राष्ट्रपति चुनाव की दावेदारी से हटने के बाद अब इस रेस में डोनाल्ड ट्रंप के अलावा निक्की हेली और रोन देसांतिस ही बचे हैं। विवेक रामास्वामी इन तीनों से पीछे चल रहे थे और अब आयोवा कॉकस के पिछड़ने के बाद विवेक रामास्वामी ने अपनी उम्मीदवारी वापस लेने का फैसला किया है। रामास्वामी इमीग्रेशन पर अपन कड़े विचारों और अमेरिकी फर्स्ट की अपनी नीति के चलते मतदाताओं के बीत थोड़े ही समय में काफी लोकप्रिय हो गए थे। हालांकि अब रामास्वामी राष्ट्रपति चुनाव पद की रेस में बुरी तरह से पिछड़े रहे थे। आयोवा कॉकस में भी रामास्वामी चौथे स्थान पर रहे और महज 7.7 फीसदी वोट ही मिले।
अरबपति बिजनेसमैन है Vivek Ramaswamy
बता दें कि Vivek Ramaswamy एक अरबपति बिजनेसमैन है और एक बायोटेक कंपनी के प्रमुख हैं। रामास्वामी के माता-पिता भारत के केरल के निवासी थे, जो अमेरिका में बस गए थे। रामास्वामी का जन्म अमेरिका के ओहियो प्रांत में हुआ। चुनाव प्रचार के शुरुआती चरण में विवेक रामास्वामी ने डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ की और खुद को ट्रंप का करीबी दिखाने की कोशिश की। ट्रंप ने भी रामास्वामी का समर्थन किया था। हालांकि बीते दिनों रामास्वामी के प्रचार अभियान टीम की तरफ से डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ इंटरनेट पर सिलसिलेवार पोस्ट किए गए, जिनसे डोनाल्ड ट्रंप और उनकी टीम नाराज हो गई। इसके बाद ट्रंप ने भी रामास्वामी को कपटी करार देकर उनकी तीखी आलोचना की थी।