विपिन रावत हत्याकांड में आखिरकार पुलिस ने सख्त रवैया अपनाया है। शुरुआती हीलाहवाली और विपिन रावत की मौत के बाद पुलिस अधिकारी आखिरकार जाग गए हैं। इस जागने में सीएम धामी की डांट का भी बहुत बड़ा असर है। हालात ये हुए कि पुलिस अधिकारी सोए रहे और एक युवक की मौत हो गई और आरोपी खुलेआम घूमता रहा।
विपिन रावत हत्याकांड में अब पुलिस ने आरोपी विनीत अरोड़ा और उसकी पत्नी पार्थेविया अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इस मामले में सीसीटीवी फुटेज की भी पड़ताल की है। पुलिस को इसमें भी अहम सुराग मिले हैं। पुलिस ने इस मामले में हत्या के दौरान प्रयुक्त बेसबॉल स्टिक और कार भी बरामद कर ली है।
पहले पार्थेविया ने की मारपीट
पुलिस सूत्रों के मुताबिक विपिन रावत अपने तीन दोस्तों जिसमें दो युवतियां भी शामिल थीं उनके साथ इनामुल्ला बिल्डिंग स्थित दून दरबार रेस्टोरेंट के बाहर खड़ा थे। इसी दौरान वहां से विनीत और उसकी पत्नी पार्थेविया गुजरे। पार्थेविया ने विपिन रावत और उसके दोस्तों पर अभद्र टिप्पणी की। इसके बाद दोनों पक्षों में विवाद शुरु हो गया। इसके बाद विपिन रावत ने माफी मांगी और मामला खत्म करने की कोशिश की। बताया जा रहा है कि विवाद लगभग समाप्त हो गया लेकिन इसी बीच विनीत अरोड़ा ने कार से बेसबॉल बैट निकाला और विनीत की कमर और सिर में घातक प्रहार किए। इससे विपिन वहीं गिरा और तड़पने लगा। उसके दोस्त उसे संभालने लगे और विनीत अपनी पत्नी के साथ वहां से भाग निकला।
इस मामले में शुरुआती तौर पर पुलिस ने बड़ी लापरवाही बरती। आरोप है कि लक्खी बाग पुलिस चौकी इंजार्च ने इस मामले में विनीत अरोड़ा की तरफ से विपिन और उसके परिजनों पर मामले में समझौते का दबाव बनाना शुरु कर दिया। हालात ये हुए कि विनीत अरोड़ा को लेकर भी पुलिस ने ऐसी लापरवाही बरती कि उसे आसानी से अग्रिम जमानत मिल गई। इस मामले में जब विधायक धरने पर बैठे तो बात सीएम तक पहुंची और इसके बाद चौकी इंजार्च को सस्पेंड किया गया। अब एसएचओ कैंट राजेंद्र रावत, एसएचओ ऋषिकेश रवि सैनी और कैंट थाने के दरोगा जगत सिंह को लाइन हाजिर किया गया। एसएसपी ने इन सभी को सीएम आवास कूच कर रहे लोगों को रोकने में लापरवाही बरतने पर लाइन हाजिर किया है।