टिहरी झील को लगभग 20 साल पूरे होने वाले हैं। लेकिन अब तक झील से लगा हुआ भल्ड गांव जो कि उत्तरकाशी ज़िले का अन्तिम गांव है यहां के लोगों का अब तक विस्थापन नहीं हुआ है। 19 सालों से गांव वाले विस्थापन की मांग कर रहे हैं। लेकिन उनकी मांगों को सुनने वाला कोई नहीं है।
19 सालों से विस्थापन की मांग कर रहे ग्रामीण
टिहरी झील से लगे आस-पास के गांवों के विस्थापन, पुनर्वास और मूआवजा देने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। वहीं दूसरी ओर देझील से लगा हुआ भल्ड गांव जो कि उत्तरकाशी ज़िले का अन्तिम गांव है। इतने सालों बाद भी इस गांव के लोगों की विस्थापन की मांग पूरी नहीं हुई है।
झील के किनारे अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे ग्रामीण
बता दें कि इस गांव में झील के पानी से खेत खलियानो में दरारें आ चुकी है। जिस से आगे भविष्य में लोगों के लिए बड़ा खतरा हो सकता है। ग्रामीणों के द्वारा शासन-प्रशासन को पत्राचार के माध्यम से अवगत कराया गया। लेकिन इसके बावजूद अब तक गांव का विस्थापन नहीं हो पाया है।
गांव वालों का कहना है कि टीएचडीसी और टिहरी पुनर्वास के कार्यकारिणी डायरेक्टर को भी इस बारे में बताया गया है। लेकिन उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। बीते 19 सालों से उन्हें आश्वासन ही दिया जा रहा है। गांव वालों का कहना है कि लगातार झील का पानी बढ़ रहा है।
ग्रामीणों ने दी जल समाधि लेने की चेतावनी
बीते 12 दिनों से गांव वाले झील के किनारे अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे हैं। एसडीएम उत्तरकाशी ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की लेकिन वो नहीं माने और अपना धरना जारी रखा। गांव वालों का कहना है कि अगर इस बार उनकी मांगों को गम्भीरता से नहीं लिया गया तो वो जल समाधि ले लेंगे।