देहरादून। राजधानी देहरादून में जमीनों के नाम पर धोखाधड़ी के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। जमीन धोखाधड़ी के मामले यहां आम हो चले हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें जमीन धोखाधड़ी के नाम पर कुछ लोगों ने हरिद्वार के डॉक्टर को 2 करोड़ 26 लाख ठग लिए। क्लेमेनटाउन क्षेत्र में प्लॉट बेचने के झांसा देकर छह शातिरों ने डॉक्टर से धोखाधड़ी कर दी।
क्लेमेनटाउन थाना पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। बहादराबाद हरिद्वार निवासी बृजेश कुमार चौहान का बहादराबाद में क्लीनिक है। जनवरी 2018 में उनके परिचित तरनजीत सिंह ने कहा कि क्लेमेनटाउन में उसका 250 गज का एक प्लाट है, जिस पर उसने लोन ले रखा है। उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए वह प्लॉट अच्छे रेट पर बेच देगा।
तरनजीत सिंह के जानने वाले संजय दीक्षित, शरद चौहान, गोपाल तोमर ने बृजेश को भरोसा दिलाया कि प्लॉट पूरी तरह से साफ सुथरा है। बृजेश ने तरनजीत सिंह से प्लॉट का सौदा 49.90 लाख रुपये में तय किया। 25 जनवरी 2018 को प्लॉट की रजिस्ट्री तरनजीत ने बृजेश के नाम कर दी। प्लॉट पर तरनजीत सिंह ने 36.50 लाख रुपये का लोन था, ऐसे में बृजेश ने प्लॉट खरीदने के लिए 21.75 लाख रुपये का लोन लिया और 14.75 लाख रुपये अपने पास से देकर लोन पूरा कर दिया।
बाकी बचे 13.39 लाख रुपये तरनजीत सिंह को दे दिए। विक्रेताओं ने 28 जनवरी को बृजेश को देहरादून बुलाया और कहा कि जो प्लॉट आपने खरीदा है उसके बगल में ही शरद चौहान का प्लॉट है वह भी अच्छे रेट में मिल जाएगा। बातों में आकर बृजेश ने उस प्लॉट का एग्रीमेंट भी बना दिया और बयाने के तौर पर शरद चौहान को 26 लाख रुपये दे दिए।
नवंबर 2018 में तरनजीत सिंह ने बृजेश से कहा कि भारूवाला में जो प्लॉट आपने खरीदा है उसके बगल में ही 500 गज का प्लॉट है। प्लॉट बैंक में बंधक है। एक बार फिर बृजेश ने प्लाट का सौदा डेढ़ करोड़ रुपये में कर दिया। 19 नवंबर को प्लॉट की रजिस्ट्री तरनजीत सिंह ने बृजेश के नाम कर दी। बृजेश ने जब तरनजीत व शरद चौहान से प्लॉटों का दाखिल खारिज करवाने की बात कही। इस पर वह बहलाते रहे। इसके बाद तरनजीत सिंह ने बृजेश से कहा कि दो प्लॉट को तीन करोड़ में बिकवा देते हैं।
बृजेश ने 23 दिसंबर को विजय गुप्ता निवासी देहरादून के साथ बयाना कर दिया और 45 लाख रुपये ले लिए। इस बीच बृजेश को पता लगा कि दोनों प्लॉट पर केस कोर्ट में चल रहा है। तरनजीत सिंह ने जिस विद्या सिंह नाम की महिला से जमीन को खरीदना बताया वह भी फर्जी है। इसके अलावा शरद चौहान ने बृजेश ने जिस जमीन की एग्रीमेंट किया था, उस जमीन की पहले ही रजिस्ट्री विजय गुप्ता के नाम कर दी है।