रामनगर: अगले साल 2022 में उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव हैं। चुनाव की रणनीति को बनाने में सभी राजनीतिक दल भी तैयारियों में जुटे हैं। 2022 की चुनावी रणनीति को लेकर भाजपा में लगातार बैठकों का दौर चल रहा है। रामनगर में चिंतन शिवर आयोजित किया गया। इसमें कई अहम मसलों पर चर्चा हुई और 2022 में सत्ता में वापसी का पूरा प्लान भी तैयार किया गया।
भाजपा का तीन दिवसीय चिंतन शिविर का समापन हो गया है। चिंतन शिविर में पार्टी ने जहां 2022 के विधानसभा चुनाव में मिथक तोड़ कर दोबारा सत्ता में वापसी की योजना को अंतिम रूप दिया है। वहीं, कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए भी रणनीति बनाई गई। यह भी तय किया गया कि किस तरह से पार्टी की योजनाओं को जनता के बीच में मजबूती से पेश किया जा सके, जिससे लोग 2022 में पार्टी के पक्ष में खड़े हों और फिर से सत्ता में वापसी हो।
इस योजना का सबसे बड़ा हिस्सा और मजबूत स्तंभ यह है कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवंरबर माह में उत्तराखंड आकर पन्ना प्रमुखों के साथ संवाद करेंगे। इससे पार्टी एक तरह से चुनावी बिगुल बजाएगी और रणनीतिक रूप से चुनावी समर में उतरने का ऐलान भी होगा। इस रणनीति के तहत अगले महीने यानी जुलाई माह में भाजपा के बूथ से लेकर प्रदेश स्तरीय सम्मेलन शुरू हो जाएंगे। बड़ी बात यह है कि इन सम्मेलनों में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शिरकत करेंगे।
इससे एक बात तो साफ है कि भाजपा ने रणनीतिक रूप से खुद को मजबूत करने की योजना पर अमल करना शुरू कर दिया है। भाजपा अभी से यह तय करना चाहती है कि जब तक विपक्षी दल अपनी योजना पर काम करना शुरू करेंगे, भाजपा जनता के बीच में जाकर अपनी योजना को अमलीजामा पहनाना शुरू कर चुकी होगी। इस तरह से चुनाव से पहले भाजपा को रणनीतिक रूप से बढ़त भी मिल जाएगी और खुद की तैयारी को परखने का मौका भी मिल जाएगा।