हल्द्वानी: कुमाऊं के पर्वतीय इलाकों में खेती वर्षा पर आधारित है। फरवरी का महीना चल रहा है लेकिन बारिश का कुछ अता पता नही है, इस वजह से जिले में सूखे के आसार नजर आ रहे हैं, जिले के मैदानी इलाकों में बारिश ना होने का कोई खास असर तो नही पड़ा क्योंकि इन इलाकों में सिंचाई आधारित खेती है।
लेकिन, पहाड़ी इलाको में फसलों की ग्रोथ धीमी पड़ गयी है, जिले के पर्वतीय इलाके ओखलकांडा ब्लॉक और आस पास के गांव में हुआ है, कुछ इलाके तो ऐसे हैं जहां वर्षा अभाव में अभी तक भी गेहूं की बुआई नही हो सकी है और किसान आसमान की ओर टकटकी लगाये बैठा है।
अधिकारियों ने उम्मीद जताई है की यदि फरवरी अंत तक भी बारिश हो जाती है तो किसानों को थोड़ी राहत मिल सकती है। कृषि अधिकारियों के मुताबिक यदि किसान बारिश ना होने की दशा में गेहूं की बुआई से छूट जाते हैं और किसान ने फसल बीमा करवाया है तो उसको मुआवजा मिलेगा लेकिन अभी जिले में हालात सामान्य हैं फिर भी फसलों का आंकलन किया जा रहा है।