देहरादून: राज्य में कोरोना महामारी के कारण लगे लाॅकडाउन के दौरान महामारी एक्ट में मुकदमंे किए गए थे। सरकार उन मुकदमों को वापस ले रही है। लेकिन, केवल उन्हीं लोगों के मुकदमें वापस लिए जा रहे हैं, जो प्रवासी श्रमिक अपने घर लौट रहे थे और उस दौरान उनके खिलाफ मुकदमें दर्ज किए गए हैं। श्रमिकों पर से मुकदमे वापस लेने का निर्णय भी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा लिया गया है।
अभी तक छह जिलों में दर्ज 75 मुकदमें वापस लिए जा चुके हैं। हालांकि, केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में मुकदमे वापसी पर रोक के संबंध में कोई आदेश प्रदेश सरकार को अभी प्राप्त नहीं हुआ है। बीते वर्ष मार्च में कोरोना के कारण देश भर में लाकडाउन लगाया गया था। इससे सभी गतिविधियां लगभग ठप हो गई थी। कामकाज पूरी तरह से बंद हो जाने के कारण देश के विभिन्न स्थानों से श्रमिक अपने घरों को पैदल ही लौटने लगे थे।
प्रदेश के विभिन्न जिलों में इन मुकदमों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। धीरे-धीरे शासन स्तर पर इसकी सूचना भी पहुंच रही है। अभी तक ऊधमसिंहनगर, टिहरी व पौड़ी में दर्ज 65 मुकदमें वापस लिए जा चुके हैं। शेष जिलों में भी यह प्रक्रिया चल रही है। इस संबंध में सचिव गृह नितेश झा का कहना है कि केंद्र सरकार व सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के क्रम में केवल प्रवासी श्रमिकों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जा रहे हैं।