देहरादून: कोरोना के साथ ही अब ब्लैक फंगस के मामले भी तेजी से सामने आ रहे हैं। अब तक एम्स में 25 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। ब्लैक फंगस में एम्फोटेरिसिन- बी इंजेक्शन काम आ रहा है। जैसे ही मामले बढ़ने लगे हैं, यह इंजेक्शन अचानक से बाजार से गायब हो गया, जबकि अभी इतने मामले भी सामने नहीं आए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव डाॅ. पंकज कुमार पांडे ने एक एसओपी जारी की है।
ब्लैक फंगस एक गंभीर संक्रमण के रूप में सामने आ रहा है। कोरोना मरीजों में ही अब तक सारे मामले सामने आऐ हैं। ब्लैक फंगस के इंजेक्शन की डिमांड मार्केट में बढ़ने लगी है। एम्फोटेरिसिन-बी नाम के इंजेक्शन को ब्लैक फंगस के इलाज में कारगर माना जा रहा है।
सचिव की ओर से जारी एसओपी में निर्देश दिए गए है कि इस इंजेक्शन उपयोग सही मानकों के अनुरूप किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा की इंजेक्शन मरीजों को समय पर मिलना चाहिए, जिससे किसी तरह की कोइ दिक्कत ना हो। उन्होंने सभी जिलों के डीएम और मेडिकल अधिकारियों को इस पर नजर बनाये रखने काक निर्देश रखे हैं।