देहरादून: पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का ड्रीम प्रोजेक्ट कहे जाने वाली सूर्यधार झील का मामला एक बार फिर चर्चा में है। यूर्यधार झील को लेकर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने अधिकारियों को बड़ी फटकार लगाई है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि आप लोग बाढ़ सुरक्षा कार्यों की बात करते हैं, सूर्यधार झील को बिना परमिशन के सात से बढ़ाकर 10 मीटर कर दिया गया, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। जानबूझकर इस तरह से कार्य करने वालों को बिल्कुल भी बख्शा नहीं जाएगा। मैं ऐसे लोगों को माफ नहीं करूंगा।
सिंचाई एवं लघु सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने यमुना कॉलोनी स्थित सिंचाई विभाग मुख्यालय के सभागार में विभागीय समीक्षा बैठक में दी। उन्होंने कहा कि एक ओर हम बाढ़ सुरक्षा कार्यों के बारे में बात करते हैं और उसके लिए कार्य भी करते हैं जबकि वहीं दूसरी ओर मानक और तकनीकी के विपरीत कार्य करते हैं। दुर्भाग्यपूर्ण है कि सूर्यधार झील को 7 से 10 मीटर बिना परमिशन के बढ़ा दिया गया।
इससे पता चलता है कि हमारी कोई कार्य संस्कृति ही नहीं है। हम जो चाहे बिना परमिशन के करते रहें। शर्म की बात है कि इतनी तकनीकी और ज्ञान रखने के बावजूद कहीं की स्कीम को कहीं फिट कर दिया गया। इस तरह के गलत कार्यों के लिए किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।