रूद्रपुर: रुद्रपुर में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सबको चौंका दिया। न्यायालय ने एक अस्पताल और डाॅक्टर की लापरवाही पर मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। ओमेक्स रूद्रपुर निवासी अजय रस्तोगी के मुताबिक उनकी पत्नी अंजलि रस्तोगी को नवंबर 2019 को हाथ और चेहरे में कांच लगने से बुरी तरह घायल हो गई थी। उसे इलाज के लिए रूद्रपुर के मेडिसिटि अस्पताल ले जाया गया।
अस्पताल के डाॅक्टरों ने उसके हाथ और चेहरे पर टांके लगाये। साथ ही एक सप्ताह बाद टांके कटवाने के लिए बुलाया। एक सप्ताह बाद जब वह टांके कटवाने के लिए गये तो चिकित्सक के न होने की वजह से उन्हें दो दिन बाद आने को कहा गया। दो दिन बाद वह फिर मेडिसिटि अस्पताल गये और उनके कुछ टांके काटे गये। अजय रस्तोगी के मुताबिक टांके कटने के बाद भी अंजलि के हाथ में तेज दर्द रहने लगा। मेडिसिटि अस्पताल के डाॅक्टरों को बताने के बावजूद उन लोगों ने कोई ध्यान नहीं दिया। इस बीच जब वह आगरा के एसएन मेडिकल कालेज में दिखाने गये तो वहां डाक्टरों ने हाथ का एक्सरे करने की सलाह दी।
एक्सरे करने के बाद चिकित्सक और परिजन हैरान रह गए। एक्सरे में हाथ के भीतर कांच के टुकड़े नजर आये। जब इस बात की शिकायत मेडिसिटि के संचालक डॉ. दीपक छाबड़ा से की तो उन्होंने गाली गलौज करते हुए उसे धमकाया। मामले की रिपोर्ट जब पुलिस ने दर्ज नहीं की तो उसने न्यायालय की शरण ली। जिस पर न्यायिक मजिस्ट्रेट सिविल जज (जूनियर डिवीजन) ने 8 को रूद्रपुर कोतवाली को आवश्यक धाराओं में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई के आदेश दिये हैं।