देहरादून। उत्तराखंड की एसटीएफ टीम और वन प्रभाग की टीम को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। संयुक्त टीम ने कार्यवाही करते हुए प्रतिबंधित पैंगोलिन के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया। इसी के साथ आरोपी के खिलाफ वन्य जीव जंतु संरक्षण अधिनियम में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में बढ़ते वन्य जीव जंतुओं की तस्करी करने वाले गिरोह पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। एसटीएफ और वन प्रभाग रुद्रपुर की टीम को मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि प्रतिबंधित पैंगोलिन की तस्करी की जा रही है। इसकी सूचना मिलने पर संयुक्त टीम महतोष मोड पर पहुंची और मौके से तस्कर सुखविंदर सिंह पुत्र गुरमुख सिंह निवासी सिलबाती थाना नानकमत्तार को गिरफ्तार किया। साथ ही टीम ने तस्कर के पास से प्रतिबंधित पैंगोलिन बरामद किया। आरोपी के खिलाफ पीपल पडाओ रेंज रुद्रपुर में मुकदमा दर्ज किया गया।
जानकारी मिली है कि पैंगोलिन का वजन 34 किलो के करीब है। अजय सिंह ने बताया कि साल 2019 में भी पैंगोलिन की तस्करी में 7 तस्करों को गिरफ्तार किया गया था। इस कार्रवाई में सिपाही किशोर कुमार और महेंद्र गिरी की विशेष भूमिका है। मौके पर उप निरीक्षक केजी मठपाल, कॉन्स्टेबल किशोर कुमार, गोविंद सिंह बिष्ट, गुणवंत सिंह, चंद्रशेखर ,नवीन कुमार, महेंद्र गिरी और सुरेंद्र कनवाल शामिल रहे। प्रभाग की टीम में वन क्षेत्राधिकारी रूपनारायण गौतम, वन दरोगा कैलाश चंद्र तिवारी, संदीप सोढा, वीरेंद्र परिहार और वन आरक्षी सुरेंद्र सिंह तथा राहुल कनवाल शामिल रहे।
इस काम में होता है इस्तेमाल
इसकी परतदार खाल का इस्तेमाल शक्तिवर्धक दवाइयों, ड्रग्स, बुलट प्रूफ जैकेट, कपड़े और सजावट के सामान बनाने के लिए किया जाता है। ये केरोटिन की बनी होती है। यह खाल दूसरे जानवरों से बचाव में उसकी रक्षा भी करती है। ज्यादा डिमांड होने के चलते इसकी कीमत भी अच्छी मिलती है। रुपयों के लालच में पैंगोलिन की तस्करी भी बढ़ गई है।