देहरादून: उत्तराखंड आबकारी विभाग दिवंगत प्रकाश पंत के निधन के बाद से मुख्यमंत्री ही इस विभाग को देख रहे थे, लेकिन पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह मंत्रालय यशपाल आर्य को दिया गया। यशपाल आर्य ने अब विभागीय अधिकारियों के पेच कसने शुरू कर दिए हैं। उन्होंने विभाग की समीक्षा के दौरान पिछले चार साल में हुए राजस्व के नुकसान हुआ है।
शराब की दुकानों से करोड़ों के अधिभार की वसूली नहीं हो पाने के कारण अब तक विभाग को 93 करोड़ के राजस्व की चपत लग चुकी है। आबकारी मंत्री यशपाल आर्य ने इस मामले पर गहरी नाराजगी जाहिर की और सचिव आबकारी को जांच के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
उन्होंने सचिव को यह निर्देश भी दिए कि विभाग में फर्जी बैंक गारंटी जमा कर लाइसेंस लेने वालों की पहचान की जाए और ऐसे मामले पकड़ में आने पर कड़ी कार्रवाई की जाए। कहा कि अगली विभागीय बैठक में इन दोनों जांचों के बारे में रिपोर्ट तलब की जाएगी। 2017 से लेकर 2020 की अवधि में विभागीय अधिकारियों ने कई जिलों में अधिभार की वसूली नहीं की। इससे विभाग को अब तक 93 करोड़ रुपये का राजस्व नहीं मिल पाया है।