देहरादून: उत्तराखंड पुलिस के पास आज भी पुरानी राइफलें और अन्य हथियार हैं। पुलिस अधिनुकीकरण योजना के तहत लगातार बदलाव किए जा रहे हैं। डीजीपी अषोक कुमार का फोकस पुलिस को पहले से अधिक स्मार्ट बनाने पर है। उस दिषा में लगातार काम भी कर रहे हैं। उन्होंने कमान संभालने के बाद का था कि चीता और सीपीयू को पहले ज्यादा स्मार्ट बनाएंगे। कुछ चीजें पहले ही हो चुकी हैं, लेकिन अब सीपीयू और चीता पुलिस को षाॅर्ट रेंज वेपन देने की तैयारी भी लगभग पूरी हो चुकी है। साथ ही पुरानी राइफलों की जगह नई राइफल लाने की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है।
सिटी पेट्रोल यूनिट और चीता पुलिस को आधुनिक और स्मार्ट बनाने की कवायद प्रदेश के चार मैदानी जिलों देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल से शुरू होगी। पहले चरण में इन जिलों में सीपीयू और चीता टीम में तैनात पुलिसकर्मियों को शॉर्ट रेंज वेपन (रिवॉल्वर व पिस्तौल) से लैस किया जाएगा। इसके लिए पुलिस आधुनिकीकरण योजना के तहत भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने उत्तराखंड के पुलिस मुख्यालय को एक हजार पिस्तौल व रिवॉल्वर खरीदने की मंजूरी दे दी है। पुलिस मुख्यालय अगले माह इन हथियारों की खरीद शुरू कर सकता है।
इस योजना के तहत इन पुलिसकर्मियों को बॉडी कैम युक्त नई ड्रेस, शॉर्ट रेंज वेपन व अन्य उपकरणों से लैस किया जाना है। शॉर्ट रेंज वेपन खरीदने के लिए मुख्यालय ने इसी जनवरी में भारत सरकार के गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था। जिसे स्वीकार कर लिया गया है। ये हथियार खरीदने के लिए मंत्रालय की ओर से पांच करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। बॉडी कैम युक्त नई ड्रेस की खरीद के लिए पुलिस मुख्यालय को मंत्रालय से पहले ही अनुमति मिल चुकी है।
पुलिसकर्मियों को थ्री नॉट थ्री और सेल्फ लोडिंग रायफल (एसएलआर) के बोझ से राहत देने के लिए भी पुलिस मुख्यालय लगातार प्रयासरत है। इनकी जगह पुलिसकर्मियों को इन्सास रायफल देने की योजना है। लिहाजा, मुख्यालय 8000 इन्सास रायफल मंगवाने जा रहा है। अभी आर्मी और पैरा मिलिट्री फोर्स की इस्तेमाल की हुई इन्सास रायफल पुलिसकर्मियों को उपलब्ध कराई जाएंगी। थ्री नॉट थ्री का वजन अधिक होने के कारण पुलिसकर्मियों को परेशानी होती है।