देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पद्मश्री प्रेम चंद शर्मा को सम्मानित किया। परंपरागत खेती को लेकर उनको पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। त्यूणी तहसील के रहने वाले प्रेम चंद शर्मा ने लोगों को नकदी खेती के लिए प्रेरित किया था। दूरस्थ क्षेत्र अटाल के निवासी किसान प्रेम चंद शर्मा को खेती, बागवानी को लेकर किए गए उनके प्रयोगों ने देश के प्रतिष्ठित पदमश्री सम्मान दिलाने में अहम भूमिका अदा की है।
शर्मा को इससे पहले भी खेती को लेकर किए गए उनके अभिनव प्रयोगों को लेकर कई सम्मान मिल चुके हैं। नाबार्ड जैसी एजेंसी को भी सलाह देते रहे हैं। चकराता में समुद्र तल से 940 मीटर ऊंचाई पर स्थित अटाल गांव निवासी प्रेमचंद शर्मा आठवीं पास हैं। उनके चार बेटे नौकरी करते हैं, जबकि, वे स्वयं खेती करते हैं।
शर्मा अटाल क्षेत्र के पहले किसान हैं, जिन्होंने सिंचाई के लिए ड्रिप तकनीक का प्रयोग किया। धान, गोभी की सिंचाई के लिए वह मिनी ्प्रिरंकलर का प्रयोग करते हैं। ड्रिप सिंचाई तकनीक के लिए पानी जुटाने का उनका अपना खास तरीका है। किसान भूषण, किसान सम्मान, प्रगतिशील किसान सम्मान, विस्मृत नायक सम्मान, जगजीवन राम किसान सम्मान। आईसीएआर सम्मान।