चम्पावत। कोरोना काल में चम्पावत जिले से गजब का मामला सामने आया है। बता दें कि प्रशासन की अनुमति न मिलने पर दूल्हा बारात लेकर दुल्हन को लेने नहीं पहुंचा तो दुल्हन और उसके परिजन दूल्हे के यहां पहुंच गए और विवाह की रस्में पूरी की गईं।
आपको बता दें कि जिला प्रशासन ने पहले दूल्हे के परिवार को बारात ले जाने की अनुमति दी थी, लेकिन ऐन मौके पर उन्हें बारात ले जाने से रोक दिया और इसके बाद दुल्हन व उसके परिजनों ने तय समय पर विवाह संपन्न कराने के लिए दूल्हे के यहां जाने का फैसला लिया।
बता दें कि चम्पावत ब्लाक के ग्राम पुनाबे निवासी युवती को शादी करने के लिए करीब 32 किमी दूर स्वाला गांव में दूल्हे के घर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। जानकारी के अनुसार स्वाला गांव के डुंगर देव के बेटे प्रकाश भट्ट की शादी 12 मई को पुनाबे निवासी रमेश बिनवाल की बेटी प्रियंका के साथ होना तय हुई। लेकिन स्वाला में एक साथ 47 लोगों के कोविड संक्रमित होने से विवाह से एक दिन पहले यानी मंगलवार को गांव को कंटेनमेंट जोन बना दिया गया। दूल्हे वालों ने बारात ले जाने की अनुमति दी थी, लेकिन गांव को कंटेंनमेंट जोन बनाए जाने के चलते ऐन मौके पर प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। इससे दुल्हन और दूल्हा पक्ष के लोग परेशान हो गए। तमाम कोशिश के बाद प्रशासन ने कोविड गाइडलाइन के पालन की शर्त के साथ इस शादी की अनुमति दी। तय किया गया कि स्वाला से पुनाबे बारात ले जाने के बजाय कन्या पक्ष स्वाला जाएगा। प्रशासन ने दुल्हन समेत चार लोगों को स्वाला जाने की अनुमति दी। इस पर दुल्हन प्रियंका चार अन्य लोगों के साथ बुधवार को स्वाला गांव पहुंचे। जहां विवाह की रस्में पूरी की गईं। विवाह के लिए दुल्हन प्रियंका, मां भावना देवी, पिता रमेश बिनवाल और पुरोहित रघुवर दत्त स्वाला गांव पहुंचे थे। विवाह के बाद दुल्हन के मां, पिता और पुरोहित वापस अपने गांव पुनाबे लौट गए। तीनों लोगों को प्रशासन ने होम आइसोलशन में रहने के निर्देश दिए हैं। वहीं दुल्हन प्रियंका अपने ससुराल में ही रहेगी।
चम्पावत तहसीलदार ज्योति धपवाल ने बताया है कि स्वाला गांव में 47 लोगों के पॉजिटिव आने पर गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया था। कंटेनमेंट जोन से बाहर जाना प्रतिबंधित होता है। इसी वजह से वर पक्ष को गांव से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई।