देहरादून: इंसाफ दिलाने का दावा करने वाली उत्तराखंड पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में आ खड़ी हुई है और इसकी वजह है. दहेज के लालच में एक निर्दोष लड़की की हत्या और आरोपियों को गिरफ्तार करने में टालमटोल करती पुलिस. ऐसा परिवार, जिनकी बेटी की हत्या दहेज के लालच में शादी के दो महीने बाद कर दी जाती है. आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाता है, लेकिन, पुलिस हत्यारोपियों को गिरफ्तार करने में नाकाम साबित हो रही है.
आज भी हम उसी दौर में जी रहे है जहां पर दहेज के लालच में औरतों कभी जिंदा जला दिया जाता है तो, कभी आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया जाता है. ऐसा ही एक मामला देहरादून से सामने आया है. जहां पर दो महीने पहले एक प्रेमी जोड़े ने पूरे रीति रिवाज के साथ रस्मों को पूरा करते हुए शादी के बंधन में बंधे. एक दूसरे के साथ जिंदगी जीने की कस्मे खाई, लेकिन वो कसमें और वादे उस समय धरे के धरे रह गए जब लड़के और उसके परीवार वालों के मन में दहेज का लालच आया और उनके उस लालच ने 23 साल की नवविवाहिता को मौत के घाट उतार दिया.
2 जून को हुई इस पूरे घटनाकम्र के बाद मृतका के परिजनों में मृतका के पति सहित 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया, जिसके बाद पुलिस ने कार्यवाही कार्यवाही करते हुए 3लोगों को तो गिरफ्तार कर लिया. लेकिन, अभी भी पुलिस की गिरफ्त से तीन लोग फरार है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए मृतका के परिजन दर-दर भटक रहे है, लेकिन इनकी कार्यवाही पर सुनवाई करने वाला कोई नहीं है. हैरानी इस बात की है कि पुलिस इस मामले को सिर्फ रफा दफा करने में जुटी है.
इस पूरे मामले में कार्यवाही को लेकर जहां एक तरफ पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे है तो वहीं हैरत इस बात की हो रही है कि आज भी औरतों पर दहेज को लेकर अत्याचार हो रहा है और दहेजलोभी अपने लालच के चलते इस कदर अपने जमीर को गिरा रहे है कि किसी की हत्या करने से भी पीछे नहीं हटते.
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