सितारगंज: आशा वर्कर्स ने 12 सूत्री मांगों को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सामने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। आशा वर्कर्स की मांग कि आशा वर्कर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने के साथ ही न्यूनतम 21 हजार वेतन दिया जाना चाहिए, लेकिन सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है। उनका कहना है कि जब तक मासिक वेतन और कर्मचारी का दर्जा नहीं मिल जाता, तब तक आशाओं को अंदोलन जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार के जो भी काम होती हैं, वो सारा काम तो करती हैं, लेकिन उनको काम के अनुरूप वेतन नहीं दिया जाता है। उनको आज तक सरकारी कर्मचारी का दर्जा भी नहीं दिया गया। उनकी मांग है कि उनको आंगनबाड़ी की तर्ज पर सभी सुविधाएं दी जाएं। साथ ही सरकार की अन्य योजनाओं को लाभ मिलना चाहिए। उनका कहना है कि कई आशा वर्कर्स के घुटनों में ज्यादा पैदल ड्यूटी करते करने से दिक्कत हो गई है।
ऐसी आशाओं के लिए सरकार को पैकेज की घोषणा करनी चाहिए। कोविड ड्यूटी में लगी सभी आशा वर्करों, कोरोना ड्यूटी की शुरुआत से 10 हजार मासिक कोरोना-भत्ता भुगतान किया जाय। कोविड कार्य में लगी आशा वर्कर्स की 50 लाख का जीवन बीमा और 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा लागू किया जाय। कोरोना ड्यूटी के समय मृत आशाओं के आश्रितों को 50 लाख का बीमा और 4 लाख का अनुग्रह अनुदान भुगतान किया जाय।
ड्यूटी के समय दुर्घटना, हार्ट अटैक या बीमारी होने की स्थिति में आशाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए नियम बनाया जाय और कम से कम 10 लाख रुपये मुआवजे का प्रावधान किया जाय।देय मासिक राशि और सभी मदों का बकाया सहित समय से भुगतान किया जाय। आशाओं के विविध भुगतानों में नीचले स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार व कमीशनखोरी पर लगाम लगायी जाय। सभी सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति तत्काल की जाय।
आशा कार्यकत्रियों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भारत की मांग को लेकर दो अपना अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। वहीं, कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष समेत कोंग्रेसियो कार्यर्ताओं ने आशा कार्यकर्ताओं को धूप में बैठकर धरना करते हुए देख कांग्रेस से ब्लॉक अध्यक्ष को देखा नहीं गया, जिसके बाद ब्लॉक अध्यक्ष करन जंग ने आशा वर्करों से मुलाकात कर टेंट और स्वच्छ जल की व्यवस्था कराई। वहीं, आशा वर्करों ने कांग्रेस पार्टी के ब्लॉक अध्यक्ष करन जंग समेत कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया।