देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना से हालात बेकाबू हो गए हैं। कोरोना को लेकर सरकार लगातार दावे कर रही है कि उनकी पूरी व्यवस्था है, लेकिन सरकार के ये दावे पूरी तरह खोखले हैं। आलम यह है कि आपको कोई पूछने वाला नहीं है। यह हालात राजधानी देहरादून के हैं। अगर आप में कोरोना के लक्षण हैं, तो जांच जरूर कराएं। सबसे अहम बात यह है कि अगर आपकी जांच पाॅजिटिव आती है, तो आपको अपना इलाज भी खुद ही कराना होगा। इसको लेकर सोशल मीडिया में लगातार लोग गुस्सा जाहिर कर हे हैं।
कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सरकार कह रही है कि जांच कराएं। इलाज की पूरी व्यवस्था है। लेकिन, हकीकत यह है कि कोरोना पाॅजिटिव आने के बाद आपके इलाज की सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं है। दरअसल, कोरोना पाॅजिटिव आने के बाद मरीज को कोरोना पाॅजिटिव रिपोर्ट थामा दी जा रही है। उनको यह तक नहीं बताया जा रहा है कि उनका इलाज कैसे होगा। उनको कौन सी दवा खानी है और कौन दवा देगा। मरीज को बस रिपोर्ट पकड़ा कर घर भेज दिया जा रहा है।
हालात इतने बदतर हैं कि कोरोना पाॅजिटिव मरीज को दी जाने वाली किट भी मौके से नहीं दी जा रही है। उस किट के लिए भी उनको मिन्नतें करनी पड़ रही हैं। अगर आपकी जान-पहचान और पहुंच नहीं है, तो आपको कोरोना का इलाज मिलना तो दूर की बात कोरोना किट तक नहीं मिल पाएगी। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें रिपोर्ट कोरोना पाॅजिटिव आने के बाद मरीजों को बिना कोरोना किट के ही घर भेज दिया जा रहा है। सवाल यह है कि ऐसे में कोरोना के कहर पर कैसे काबू होगा। कैसे कोरोना को हराया जाएगा। कैस हम इस जंग को जीत पाएंगे। कैसे लोगों की उखड़ती सांसों को बचा पाएंगे। कुल मिलाकर देखा जाए तो हालात बेहद चिंताजनक हैं।