गैरसैंण: तेजी से बढ़ रही महंगाई को लेकर सदन में सरकार व विपक्ष के बीच जमकर तकरार हुई। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार महंगाई को नियंत्रित करने का कोई प्रयास नहीं कर रही है। इस पर सरकार ने कहा कि महंगाई को नियंत्रित करने के लिए सरकार पूरा प्रयास कर रही है। सरकार ने कई वस्तुओं पर वैट व टैक्स घटाए गए हैं। सरकार के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस ने इस विषय पर सदन से वाकआउट कर दिया।
नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने नियम-58 के तहत महंगाई का मुद्दा उठाया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश में तेल व डीजल के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। गैस के दाम आसमान छू रहे हैं। उज्ज्वला योजना एक मजाक बन कर रह गई है। इस योजना के तहत कनेक्शन देने के लिए पात्र महिलाओं से शुल्क लिया जा रहा है। गैस के दाम महंगे होने के कारण लोगों का चूल्हा जलाना मुश्किल हो गया है। सरकार इसमें अपनी तरह से रियायत कर सकती थी लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया।
स्थिति यह है कि कई विभागों के कार्मिकों को महीनों से वेतन नहीं मिल रहा है। कार्मिकों को राहत देने के लिए महंगाई भत्ता बढ़ाया जाता है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि महंगाई का नारा लेकर भाजपा सत्ता में आई थी, लेकिन महंगाई कम करने के स्थान पर कीमतों में तेजी से वृद्धि की गई है। इससे आमजन के लिए घर चलाना मुश्किल हो गया है।
उप नेता प्रतिपक्ष करण माहरा और गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि दूसरे देशों की तुलना में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत काफी बढ़ा दी गई है। इस पर काबू नहीं किया जा रहा है। विधायक ममता राकेश, राजकुमार और आदेश चैहान ने भी इस विषय पर अपनी बात रखी। सरकार का पक्ष रखते हुए संसदीय कार्य मंत्री का दायित्व निभा रहे कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि सरकार तकरीबन 14 लाख अंत्योदय परिवारों को दो रुपये किलो गेहूं और तीन रुपये किलो चावल उपलब्ध करा रही है।