देहरादून: राज्यपाल गुरमीत सिंह ने मंगलवार को बार्डर रोड़ आर्गनाइजेशन के बहुआयामी अभियान (मल्टी डाइमेंशनल एक्सपेडिशन) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इससे पूर्व बीआरओ के वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से राज्यपाल के समक्ष उत्तराखंड के सड़क परियोजनाओं और हेली सेवाओं के विस्तार और सुदृढ़ीकरण के लिए प्रस्तावित रोड़मैप पर एक प्रस्तुतिकरण भी किया गया। बीआरओ ने बताया कि उन्होंने उत्तराखण्ड में सामरिक महत्व एवं आर्थिक विकास की दृष्टि से 14 नई सड़कों, 5 हेलीपोर्ट, 2 हवाई पट्टियों (गौचर, नैंनीसैनी के विस्तारीकरण) 2 सुरंगो हेतु कार्ययोजना बनाई है।
815 किमी लम्बाई की प्रस्तावित संड़कों की लागत 9250 करोड़, 05 हैलीपोर्ट की लागत 77.50 करोड़, 02 हवाई पट्टियों की लागत 120 करोड़ तथा 02 सुरंगो की लागत 4260 करोड़ आंकलित की गई है। इनके लिए कुल 13707 करोड़ रूपये के पैकेज का प्रस्ताव बनाया गया है। राज्यपाल ने बी.आर.ओ की कार्ययोजना की सराहना करते हुए कहा कि वे राज्य एवं केन्द्र सरकार से इस पैकेज हेतु वार्ता करेंगे।
सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा को निर्देश दिए कि प्रस्तावित कार्य योजना को मुख्यमंत्री, संबंधित मंत्री व मुख्य सचिव को पत्र प्रेषित कर साझा किया जाए। साथ ही संबंधित सचिवों को भी कार्ययोजना साझा करते हुए उनके सुझाव निर्धारित तिथि के भीतर राजभवन को प्रेषित करने के निर्देश दिए। राज्यपाल ने कहा कि इस महत्वपूर्ण कार्ययोजना के लिए केन्द्रीय मंत्रीगणों से भी वार्ता कर प्रोजेक्ट की फंडिग के लिए आग्रह किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि जल्द ही मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव के साथ बैठक कर परियोजना के क्रियान्वयन पर निर्णय लिया जायेगा। राज्यपाल ने कहा कि बी.आर.ओ की उत्तराखण्ड के सामाजिक, आर्थिक विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। सीमावर्ती क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के लिए बी.आर.ओ को हरसंभव सहयोग प्रदान किया जायेगा। पर्यटन, तीर्थाटन, साहसिक गतिविधियों एवं सामरिक महत्व के स्थानों तक पहुंच बनाने के लिए बीआरओ की महत्वपूर्ण भूमिका है।
मंगलवार को बी.आर.ओ द्वारा प्रारंभ किया गया बहुआयामी अभियान(मल्टी डाइमेंशनल एक्सपेडिशन) भारत की आजादी के अमृत महोत्सव के साथ-साथ बी.आर.ओ के 63वें स्थापना दिवस के अवसर पर प्रारंभ किया गया है। राष्ट्रीय एकता एवं राष्ट्र निर्माण की थीम के साथ प्रारंभ किये गये इस अभियान के अन्तर्गत बी.आर.ओ के दल द्वारा बहु आयामी गतिविधियाँ संचालित की जायेगी। इसमें पंगारचूला चोटी का आरोहण, गंगा में रिवर राफ्टिंग, रूड़की से दिल्ली तक दौड़ और देहरादून-चण्डीगढ़-नई दिल्ली साइकिल यात्रा भी सम्मिलित है। इस अभियान का उद्देश्य उत्तराखण्ड के युवाओं को सीमा सड़क संगठन से जोड़ने का भी है।