देहरादून: उत्तराखंड आज 21 साल पूरे कर अब युवा हो चुका है। इन 21 साल में राज्य ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। लेकिन, बहुत कुछ हासिल करना बाकी है। कुछ चीजें ऐसी हैं, जो उत्तराखंड के साथ चिपक गई हैं। पलायन की समस्या को समाधान अब तक नहीं निकल पाया है।
रोजगार, स्वास्थ्य की दिक्कतें अब भी पहले जैसे ही हैं। शहरी क्षेत्रों में जरूर सुधार हुआ है। लेकिन, गांव अब भी दूर हैं। राज्य स्थापना दिवस पर के अवसर पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने नौ संकल्प लिए हैं। उन्होंने कहा कि ये नौ संकल्प उनकी भविष्य की योजनाओं का हिस्सा हैं।
1. अपने कुल उपयोग/उपभोग की वस्तुओं का 30 प्रतिशत भाग उत्तराखंडी उत्पादों का खरीदूंगा।
2. अपने दैनिक व्यवहार में 15 प्रतिशत उपयोग, गढ़वाली, कुमांऊनी जौनसारी व रंग भाषा के शब्दों, मुहावरों व कविताओं का करूंगा।
3. लोक संस्कृति पक्ष के उन्नयन के लिए समर्पित भाव से पहले से अधिक उत्साह से काम करूंगा।
4. एक गाय को पालूंगा या उसके पालन का खर्चा अपनी निजी आय से पालनकर्ता को दूंगा।
5. असिंचित खेती वाले एक गांव को चयनित कर उसे स्वालंबी गांव के रूप में विकसित करूंगा।
6. प्रतिदिन न्यूनतम 2 घंटा लोगों से मिलूंगा। माह में न्यूनतम 50 घंटा जन मिलन को समर्पित करूंगा।
7. मेरी सोच व कृतित्व का 60 प्रतिशत हिस्सा रोजगार मूलक उत्तराखंडियत को समर्पित होगा।
8. मेरे कुल अर्जित धन का 50 प्रतिशत भाग दानी देवी मेमोरियल ट्रस्ट को जाएगा। जिसका उपयोग आर्थिक रुप से असहाय महिलाओं व स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक सहयोग में जायेगा।
9. मैं प्रतिमाह 5 नये लोगों को कांग्रेस का सदस्य बनाऊंगा व रचनात्मक कार्यों व सोच के साथ अपने निकटस्थ लोगों को जोडूँगा।