देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लगातार भाजपा पर हमलावर हैं। उन्होंने एक बार फिर रोजगार के मसले पर सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया में एक पोस्ट लिखी है। उन्होंने लिखा कि जबसे भारतीय जनता पार्टी की चला चली की बेला अर्थात सरकार का आखरी वर्ष शुरू हुआ है। पहले मुख्यमंत्री ने (7,50,000) साढ़े सात लाख नौकरियां दे दी हैं, इसकी घोषणा की और भाजपा के दोस्तों ने बड़ा शोर मचाया।
दूसरे मुख्यमंत्री को लगा कि यह आंकड़े कुछ ज्यादा हो गये हैं, तो उन्होंने संशोधित करके इस आंकड़े को 24 हजार नौकरियों तक लेकर के आये। उन्होंने कहा हम 24000 पदों पर अभी भर्तियां कर रहे हैं या कर चुके हैं। बेरोजगार नौजवान चिल्लाए कि वो भर्तियां हुई कहां हैं? आपने तो जिन पदों में भर्तियां हुई थी, उनमें भी रोक लगा दी है।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि तीसरे मुख्यमंत्री ने भी फिर से आंकड़ा संशोधित करके अब 22000 नौकरियां देने का संकल्प पारित किया है और यह दर्शाने की कोशिश की है, जैसे ये अब कानूनी अधिकार बन गया हो, संकल्प पारित और मैं बहुत विनम्रता से भाजपा को सलाह देना चाहता हूंँ कि वो कुछ नहीं, वो केवल 22000 पदों पर नौकरियां कहां-कहां, किस विभाग में दे रहे हैं और उसकी सूची जरा प्रकाशित कर दें, तो लोग जरा देख तो सकें कि यदि पूरी फिल्म नहीं हैए नौकरियों की तो, एक झलक तो दिखा दें।
उन्होंने आगे लिखा कि नये मुख्यमंत्री नौजवान हैं, उन्हें नौजवानों से संवाद कर यह पूछना चाहिए कि कहां-कहां उनके सामने दिक्कतें हैं और जिन नौकरियों को हम कह रहे हैं कि उनको मिल गई हैं। यदि उनको नहीं मिली हैं तो बताएं, वो वास्तविक स्थिति। आईना बता देंगे मुख्यमंत्री को, तो ये प्रचार तंत्र से चुनाव जीते जा सकते हैं। लोगों को नौकरियां नहीं दी जा सकती हैं, इसे समझना होगा।