देहरादून: हरक सिंह रावत ऊर्जा मंत्री की कुर्सी संभालने के बाद से ही एक्शन मोड़ में नजर आ रहे हैं। हरक सिंह रावत ने पहली बैठक के बाद 100 यूनिट बिजली मुफ्त देने की बात कही थी। अब उन्होंने एक और बड़ा ऐलान कर दिया है। उन्होंने अधिकारियों को उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) में हुए घोटालों की जांच के निर्देश दिए हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो अब फिर से पुरानी फाइलों को खोला जाएगा। लेकिन, सवाल यह है कि क्यों इन पर कार्रवाई होगी ?
यूपीसीएल का घोटालों से पुराना नाता रहा है। फर्नेस इंडस्ट्री घोटाला, एनएच-74 बिजली लाइन शिफ्टिंग घोटाला, रुद्रपुर बिल कलेक्शन में 55 लाख के गबन का आरोप। हरिद्वार में बिल कनेक्शन में 55 लाख के गबन का आरोप, कुंभ मेले में बिजली चोरी, घटिया इंसुलेटर उपकरण, एक्युरेट मीटर खरीद घोटाला, ट्रिपरिले, ट्रांसफार्मर खरीद, ट्रांस केबिल कंपनी मामले के साथ ही ताजा मामला एक कंपनी की ओर से बिजली को बाजार में बेचने का है।
इसमें भी करीब 61 करोड़ का घोटाला हुआ था। इन सभी मामलों में कार्रवाई और ताजा अपडेट जानने के लिए अब ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने फाइलें तलब की हैं। उन्होंने बताया कि हमारा मकसद घाटे में चल रहे यूपीसीएल को लाभ में लाना है। इसके लिए हम पारदर्शिता को बढ़ावा देने के साथ ही यूपीसीएल को घाटे में लाने के जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों पर भी कार्रवाई करेंगे।