देहरादून: सरकारी कामकाज में अक्सर इस तरह की चीजें होती रहती हैं। शिक्षा विभाग बच्चों को किताबे दिलाने के तमाम दावे करता रहा, लेकिन किताबों के लिए कभी बजट नहीं दिया। आलम यह है कि महज 27 दिन बाद पुराना शिक्षा सत्र समाप्त हो जाएगा। हैरानी इस बात की है कि पुराने शिक्षा सत्र में बच्चों की किताबें खरीदने के लिए अब बजट मिल रहा है। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छठीं से आठवीं तक के बच्चों की 19 अप्रैल से वार्षिक परीक्षाएं हैं। विभाग की ओर से परीक्षा कार्यक्रम घोषित करने के बाद देहरादून जिले में अब स्कूलों को बच्चों की पाठ्य पुस्तकों के लिए धनराशि मिली है।
हालांकि अन्य जिलों में एक से डेढ़ महीने पहले बच्चों के खातों में यह धनराशि पहुंच चुकी है। जबकि नियमानुसार नया शिक्षा सत्र शुरू होते ही बच्चों को पाठ्य पुस्तकें या फिर इसके लिए धनराशि मिल जानी चाहिए। लेकिन, सिस्टम ऐसा बना दिया गया है कि शायद ही किसी शिक्षा सत्र में बच्चों को समय पर किताबें या फिर इसके लिए धनराशि मिली हो।प्रदेश में प्राथमिक स्तर पर छात्रों को 250 रुपये एवं उच्च प्राथमिक स्तर पर 400 रुपये की धनराशि पाठ्य पुस्तकों के लिए दी जाती है।
अधिकतर जिलों में इसी साल फरवरी महीने में बच्चों के खातों में पाठ्य पुस्तकों के लिए यह धनराशि पहुंच की है,लेकिन देहरादून जिले में अब स्कूलों के खातों में यह धनराशि पहुंची है। इन स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के मुताबिक 15 अप्रैल से नया शिक्षा सत्र प्रस्तावित है, लेकिन पुराने शिक्षा सत्र 2020-21 की पाठ्य पुस्तकों की धनराशि अब स्कूलों के खातों में पहुंची है। ऐसे में नए शिक्षा सत्र की पुस्तकें बच्चों को कब मिलेगी इससे अंदाजा लगाया जा सकता है।