देहरादून: पहाड़ों में रेल का सपना अब जल्द ही साकार होने वाला है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे प्रोजेक्ट का काम गुणवत्ता के साथ तेजी से किया जा रहा है। केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार ने इस प्रोजेक्ट को पहली प्राथमिकता पर रखा है। इस परियोजना के तहत पहला स्टेशन योगनगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन का शुभांरभ चुका है, जिससे यात्रियों को सहुलियत मिलेगी। इसके साथ ही अब बदरीनाथ और केदारनाथ धाम को रेल लाइन से जोड़ने के लिए रेलवे बोर्ड को रिपोर्ट भेज दी गई है।
राज्य में रेल लाइन बिछाने का काम तेजी से किया जा रहा है। ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे प्रोजेक्ट के तहत पहला स्टेशन योगनगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन का शुभांरभ चुका है। वहीं, गंगोत्री यमुनोत्री के बाद बदरीनाथ केदारनाथ रेल लाइन की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को भेज दी गई है। इस परियोजना में लगभग 44 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी।
बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के लिए रेल लाइन बिछाने का काम कर्णप्रयाग से होगा। बदरीनाथ धाम के लिए जोशीमठ तक रेल लाइन बिछाई जाएगी। इस बीच चार रेलवे स्टेशन स्थापित होंगे, जिसके लिए 11 सुरंग और 12 बड़े पुलों का निर्माण किया जाएगा। केदारनाथ के लिए कर्णप्रयाग से सोनप्रयाग तक रेल लाइन बिछाई जाएगी। इस रेल मार्ग पर छह रेलवे स्टेशन बनेंगे। 19 सुरंगों का निर्माण होगा और 20 बड़े पुलों का निर्माण किया जाएगा।
सरकार का उद्देश्य राज्य के चारों धाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम तक रेल पहुंचाने की है और इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए रेल विकास निगम द्वारा तेजी के साथ निर्माण कार्य किया जा रहा है। ताकि जल्द से जल्द यात्रियों के रेल सेवाओं की सुविधा मिल सके है और उनका सफर आसान हो सके।