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गदरपुर। उत्तराखंड कांग्रेस की सोशल मीडिया विभागाध्यक्ष शिल्पी अरोड़ा को गाजीपुर संयुक्त किसानों मोर्चा द्वारा आंदोलन में दिए योगदान और सहयोग के लिए समृति चिहन देकर सम्मानित किया. आपको बता दें कि शिल्पी अरोड़ा ने 26 जनवरी को किसान रैली के दौरान ट्रैक्टर चलाकर आईटीओ तक रैली में अपनी भागीदारी दर्ज कराई। वहीं 28 जनवरी को जब आन्दोलन को खत्म करने और बॉर्डर खाली करने का ऑर्डर हुआ, उस वक्त भी शिल्पी अरोड़ा किसानों के साथ गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद रही थीं।
आंदोलन के दौरान समय समय पर शिल्पी अरोड़ा ने गाजीपुर बॉर्डर पहुंचकर किसानों का हौसला बढ़ाया और आंदोलन में सहयोग किया। वहीं शिल्पी अरोड़ा ने राकेश टिकैत से मुलाकात कर उन्हें किसानों के आंदोलन में मिली जीत की बधाई दी।
शिल्पी अरोड़ा ने कहा कि आखिर सरकार को किसानों के आगे झुक कर तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना ही पड़ा। कहा कि यह जीत सिर्फ किसानों की नहीं बल्कि पूरे देश की जीत है। वहीं राकेश टिकैत ने कहा कि यह लड़ाई अभी यहीं खत्म नहीं हुई। आंदोलन को सिर्फ स्थगित किया गया है। राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन अभी पूर्ण रूप से खत्म नहीं हुआ है। पहले सरकार ने तीन कृषि कानून बनाकर किसानों पर थोप दिए और अब लंबे समय के आंदोलन के बाद उन्हें वापस ले लिए लेकिन इससे किसानों को कोई लाभ नहीं हुआ। किसानों को तभी लाभ हो सकेगा जब एमएसपी का कानून बनेगा और लागू होगा।