हल्द्वानी: इंदिरा हृदयेश ने अपने राजनीति जीवन में लगभग सबकुछ हासिल कर लिया था। लेकिन, उनके मन में एक ऐसी हसरत अधूरी रह गईं, जिसे वो पूरा करना चाहती थीं। हालांकि इंदिरा हृदयेश ने हमेशा ही पार्टी हित को आगे रखा और जैसा पार्टी ने कहा, पार्टी की बेहतरी के लिए लगातार काम करती रहीं। वो सीएम बनना चाहती थीं, लेकिन उनकी ये हसरत पूरी नहीं हो सकती।
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सीएम बनने के लिए जितनी योग्यताएं और क्षमताएं चाहिए होती हैं, उनके पास सबकुछ था। लेकिन पार्टी की बेहतरी के लिए वो कभी बगवात पर नहीं उतरीं और कांग्रेस को ताउम्र सींचती रहीं। दिवंगत इंदिरा हृदयेश के बेटे सुमित हृदयेश ने कहा कि उन्होंने अपनी मां से राजनीति में बहुत कुछ सीखा। उन्होंने कभी भी किसी दल के व्यक्ति का विरोध नहीं किया।
सुमित ने कहा कि हमें उनकी कार्यशैली से सीख लेनी चाहिए। साथ ही उन्होंने जिंदगी भर समाज के लिए कार्य किया। विकास के लिए काम किया। हम उनके सपनों को पूरा करने के लिए हमेशा प्रयासरत रहेंगें उनकी इच्छा थी कि वह सीएम के तौर पर प्रदेश का नेतृत्व करें, उनके अधूरे कामों को हम सब मिलकर आगे बढ़ाएंगे।