गैरसैंण: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत गैरसैंण बजट सत्र में बजट पेश कर रहे हैं। यह त्रिवेंद्र सरकार को पांचवां और अंतिम बजट है। 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस बजट को सियासी नजरों से भी देखा जा रहा है। हालांकि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह बजट आम लोगों के लिए खास बजट होगा।
- ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक्स की स्थापना के लिए राज्य में 11 जगहों पर ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रेक के निर्माण का निर्णय लिया गया है.
- देहरादून मसूरी रोपवे के लिए निजी निवेशक का चयन किया गया है यह रोपवे विश्व के सबसे लंबे 5 रोपवे में से एक होगा
- भाजपा सरकार के कार्यकाल में लोक निर्माण विभाग के द्वारा राज्य वित्त पोषित पूंजीगत योजनाओं के अन्तर्गत प्रदेश में 2 हजार 671 किलोमीटर लम्बाई में मार्गों का नव निर्माण, 2 हजार 975 किलोमीटर लम्बाई में मार्गों का पुनः निर्माण और 243 सेतुओं का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है.
- मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना हेतु 18 करोड़ रुपये और समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत 1154 करोड़ 62 लाख का प्रावधान किया गया है.
- अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के संचालन हेतु 150 करोड़ का प्रावधान है. इसके अलावा चिकित्सा एवं परिवार कल्याण हेतु 3319 करोड़ 63 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है.
- शिक्षा का अधिकार अधिनियम के लिए 153 करोड 7 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है.
- प्रधानमंत्री आवास योजना (हाउसिंग फॉर ऑल), स्वच्छ भारत मिशन, अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) राष्ट्रीय आजीविका मिशन (एनयूएलएम), नगरीय अवस्थापना का सुदृढीकरण, जल जीवन मिशन (शहरी) एवं स्मार्ट सिटी आदि महत्वपूर्ण योजनाओं के लिए आय-व्ययक में 695 करोड़ 16 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है.
- सरकार पंचायतीराज व्यवस्था को सशक्त करने के लिए प्रयत्नशील है. इसी क्रम में जहां त्रिस्तरीय पंचायतों के लिए 14वें वित्त आयोग द्वारा 1 हजार 753 करोड़ रुपये की संस्तुति की थी, वहीं 15वें वित्त आयोग द्वारा 2 हजार 239 करोड़ रुपये की संस्तुति की है. आय-व्ययक में इस मद में 425 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
- समेकित बाल विकास योजना अन्तर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों को प्री-स्कूल किट एवं मेडिसिन किट उपलब्ध कराने एवं कार्यकर्ताओं के लिए ड्रैस के रूप में दो साड़ी उपलब्ध कराये जाने के लिए 15 करोड़ 43 लाख रुपये प्रावधान प्रस्तावित है.
- मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजनान्तर्गत आय-व्ययक में 13 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा राष्ट्रीय पोषण मिशन के लिए 43 करोड़ 71 लाख रुपये और अनुपूरक पोषाहार के लिए 482 करोड़ 73 लाख का प्रावधान किया गया है. मुख्यमंत्री बाल पोषण योजना के अन्तर्गत इस आय-व्ययक में 24 करोड़ 75 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है.
- उत्तराखण्ड राज्य में 38वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन के लिए इस आय-व्ययक में 110 करोड़ रूपये का प्रावधान किया जा रहा है.
- विश्व बैंक पोषित उत्तराखण्ड वर्कफोर्स डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट के अन्तर्गत 140 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
- मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने 57400.32 करोड़ का बजट पेश किया है. उन्होंने कहा,’ मुझे खुशी हो रही है कि आगामी 5 सालों से 15 वित्त आयोग से हमें 14 वें वित्त आयोग की तुलना में लगभग दुगनी धनराशि प्राप्त होगी.
- हरिद्वार और ऋषिकेश शहर को पूर्णतः सीवरेज योजना से आच्छादित किये जाने के लिए जर्मन विकास बैंक केएफडब्ल्यू की ओर से वित्त पोषित 1200 करोड़ रुपये के प्रस्ताव पर दिनांक 20 दिसम्बर, 2018 को त्रिपक्षीय एमओयू हस्ताक्षर हो चुका हैं. इसे कुंभ के बाद शुरू किया जाएगा.
- बजट पेश करते हुए कहा कि हमारी सराकर ने जैविक कृषि के महत्व को समझते हुए इसके प्रोत्साहन के लिए प्रदेश में जैविक कृषि अधिनियम 2019 लागू किया गया है. इसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं.
- सीएम रावत ने कहा कि सरकार के कुशल वित्तीय प्रबंधन का ही परिणाम है कि उत्तराखंड राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार जहां वह 2017-18 में 2 लाख 19 हजार 954 करोड़ रुपये था उससे बढ़कर वर्ष 2019-20 में 2 लाख 53 हजार 666 करोड़ रुपये हो गया है.
- ऋषिकेश में जानकी सेतू का निर्माण किया. इसके अलावा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में ऊधमसिंह नगर को देश के सर्वोच्च दस जिलों में चयनित किया गया है.
- आपदा की दृष्टि से हम अति संवेदनशील हैं. इसकेअलावा चमोली डिजास्टर में त्वरित रिस्पॉस में हम सफल रहे. केंद्र सरकार ने विभिन्न परियोजनाएं प्रदेश के लिए स्वीकृत की हैं.यह डबल इंजन का ही परिणाम है. चार सालों में हमारा लक्ष्य रहा है कि लंबित योजनाओं को पूरा किया जाए. इस बीच डोबरा चांठी पुल का काम पूरा किया.राज्य के अवस्थापना विकास के क्षेत्र में ये कीर्तिमान है.
- कोरोना काल के कारण पूरे देश की तरह उत्तराखंड की आर्थिक गतिविधियों पर भी असर पड़ा है. वित्तीय वर्ष 2019-20 में राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक विकास की दर 4.2 प्रतिशत के सापेक्ष उत्तराखण्ड राज्य की आर्थिक विकास दर 4.3 प्रतिशत रही थी.