हरिद्वार: देशभर में इन दिनों एक तरह से मेडिकल इमरजेंसी जैसे हालात हैं। इस स्थिति में सबसे बड़ा संकट ऑक्सीजन का खड़ा हो गया है। ऑक्सीजन का संकट खड़ा होने के कारण दिक्कतें हो रही हैं। देशभर में ऑक्सीजन की कमी से मचे हाहाकार के बीच भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) हरिद्वार ने एक प्लांट से उत्पादित ऑक्सीजन का वितरण शुरू कर दिया है। यह ऑक्सीजन केवल मेडिकल संस्थाओं को ही सरकारी दरों पर उपलब्ध कराई जाएगी। अभी तक यहां उत्पादित ऑक्सीजन का इस्तेमाल भेल में ही किया जाता था।
ऑक्सीजन के अभाव में दम तोड़ रहे कोरोना संक्रमितों का जीवन बचाने के लिए भेल प्रशासन आगे आया है। भेल की ओर से अपने दो ऑक्सीजन प्लांटों में से एक की सारी ऑक्सीजन मेडिकल संस्थाओं को देने का निर्णय लिया गया है। भेल प्रशासन ने गैस वितरण करने का लाइसेंस भी हासिल कर लिया गया।
इससे 250 घन मीटर की क्षमता वाले हैवी इलेक्ट्रिल्स इक्विपमेंट प्लांट (हीप) प्लांट में उत्पादित सारी ऑक्सीजन अस्पतालों, नर्सिंग होम आदि मेडिकल सेवाओं के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। भेल के पीआर डिपार्टमेंट की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, सरकार की तरफ से निर्धारित 25.71 रुपये प्रति घन मीटर की दर पर ऑक्सीजन सप्लाई की जाएगी। डेढ़ मीटर वाला सिलिंडर 38 रुपये और छह मीटर वाला सिलिंडर 154 रुपये में भरा जाएगा।
ऑक्सीजन की उपलब्धता 24 घंटे रहेगी, लेकिन ऑक्सीजन लेने वालों को पहले नोडल अधिकारी बनाए गए पीके श्रीवास्तव को जानकारी देनी होगी। सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद ऑक्सीजन दे दी जाएगी। भेल के मैटेरियल गेट से ऑक्सीजन के लिए वाहनों को लेकर आना और जाना पड़ेगा। भेल की ओर से उठाए गए इस कदम से कोरोना महामारी में मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी दूर करने में बड़ी राहत मिलेगी।