देहरादून : कोरोना काल में कालाबाजारी जारों पर हैं। दवाइयों से लेकर मेडिकल उपकरणों और एंबुलेंस के किराये तक सबकुछ आसमान छू रहे हैं। एंबुलेंस का किराया तीन-चार किलोमीटर तक भी हजारों में लिया जा रहा है। लगातार लोग किराया निर्धारित करने की मांग कर रहे थे। अब जाकर सरकार की नींद टूटी है। परिवहन विभाग ने किराया निर्धारण का प्रस्ताव मंजूरी के लिए भेज दिया है। लेकिन अब एंबुलेंस संचालकों की मनमानी पर रोक लगने वाली है। परिवहन विभाग ने एक प्रस्ताव बनाकर भेज दिया है, जिसके तहत देहरादून में तीन श्रेणियों में अलग-अलग एंबुलेंस का किराया प्रस्तावित किया गया है। इस पर मुहर लगने के बाद यह किराया लागू कर दिया जाएगा।
प्रदेश में नैनीताल और हरिद्वार ने हाल ही में एंबुलेंस का किराया निर्धारित कर दिया है। यह किराया आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत तय किया गया है। अब आरटीओ प्रवर्तन संदीप सैनी ने जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं जिलाधिकारी को एंबुलेंस के किराए का प्रस्ताव बनाकर भेजा है। प्राधिकरण से मंजूरी मिलते ही किराया लागू कर दिया जाएगा। इसके बाद इससे इतर अगर किसी भी एंबुलेंस संचालक ने वसूली की तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया जाएगा।
सामान्य एंबुलेंस ऑक्सीजन सिलिंडर के साथ (नॉन ऐसी)
– 15 किलोमीटर की परिधि में एक तरफा छोड़ने पर एक घंटे का 800 रुपये.
– एक घंटे के बाद 200 रुपये प्रति घंटा के हिसाब से प्रतीक्षा शुल्क.
– 15 किलोमीटर से अधिक दूरी होने पर 18 रुपये प्रति किलोमीटर का भाड़ा.
सामान्य एंबुलेंस विद ऑक्सीजन सिलिंडर (एसी).
-15 किलोमीटर की परिधि में एक तरफा छोड़ने पर एक घंटे का 1200 रुपये.
-एक घंटे के बाद 250 रुपये प्रति घंटा के हिसाब से प्रतीक्षा शुल्क.
-15 किलोमीटर से अधिक दूरी होने पर 20 रुपये प्रति किलोमीटर का भाड़ा.
आईयूसी कार्डियक एंबुलेंस
-15 किलोमीटर की परिधि तक मय चालक 3000 रुपये। नर्सिंग स्टाफ के साथ 4000 रुपये। डॉक्टर साथ में होने पर 6000 रुपये.
-15 किलोमीटर से अधिक दूरी होने पर नर्सिंग स्टाफ के साथ 45 रुपये प्रति किलोमीटर और डॉक्टर के साथ 50 रुपये प्रति किलोमीटर.