हल्द्वानी: मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ऐलान किया था कि हमारी सरकार दो किलो चीनी देगी। लेकिन, सीएम के आदेश का अधिकारियों ने पालन ही नहीं किया। खाद्-पूर्ति विभाग की ओर से सस्सा गल्ला विक्रेताओं को 2 किलो चीनी बांटने के निर्देश दिए हैं, लेकि उनको जो कोटा मिला है। उसके अनुसार गल्ला विक्रेताओं को 1 किलो 640 ग्राम चीनी दी गई है। जिला पूर्ति अधिकारी के दो किलो चीनी बांटने के आदेश से सस्ता गल्ला दुकानदारों की परेशानी बढ़ गई है।
राशन कार्ड धारक दुकानों में दो किलो चीनी लेने के लिए पहुंचने लगे हैं, लेकिन पूरा कोटा नहीं होने के कारण सस्ता गल्ला दुकानदार ने अभी तक चीनी नहीं बांटी है। राशन दुकानदारों की माने तो अगर दो किलो चीनी बांट भी देते हैं तो यह चीनी सभी कार्ड धारकों को नहीं मिल पाएगी, जिससे दुकान में हंगामा हो सकता है। कुमाऊं के छह जिलों के अलावा पौड़ी और चमोली के आंशिक क्षेत्र के 10 लाख 78 हजार राशन कार्ड धारकों को जून, जुलाई और अगस्त में दो-दो किलो चीनी दी जानी। इसके आरएफसी गोदामों से सस्ता गल्ला दुकानदारों ने चीनी का उठान शुरू कर दिया है।
जून में सस्ता गल्ला विक्रेताओं के पास 1 किलो 640 ग्राम ही चीनी मिल पाई है। दूसरी बार मिले बजट की चीनी अभी गोदाम तक नहीं पहुंच पाई है। वहीं डीएसओ ने सभी सस्ता गल्ला स्वामियों को निदेर्शित किया है कि जून की 2-2 किलो चीनी जल्द बांटी जाए। लाभांस और किराए भाड़े की मांग से जूझ रहे गल्ला दुकानदारों को नए आदेश के बाद चीनी वितरण को लेकर असमंज की स्थिति हो गई है।