कर्णप्रयाग: वन विभाग और सरकार ने जंगल की आग बुझाने के लिए कई दावे किए। यहां तक कहा गया कि जंगल की आग आधुनिक उनकरणों से बुझाई जाएगी। लेकिन, गर्मी के शुरू होने से पहले ही जंगलों में आग लगी हुई हैं। जंगल की आग अब गांव तक पहुंचने लगी है। कर्णप्रयाग के सेमीग्वाड़ गांव के पास जंगल में लगी आग रविवार रात को और विकराल हो गई। आग स्कूल और गांव तक पहुंच गई थी, जिसे ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद बुझाया।
ग्रामीण रातभर आग बुझाने में लगे रहे। ग्रामीणों ने एक जगह की आग बुझाई थी कि दूसरी तरफ सेमी गांव में फिर आग लग गई। आग से सैकड़ों पेड़-पौधे जलकर नष्ट हो गए। हालांकि बाद में वन विभाग के कर्मचारी भी आग बुझाने में जुटे रहे। कर्णप्रयाग के समीप सेमीग्वाड़ गांव के जंगल तीन दिनों से लगातार जल रहे हैं। जंगल में चीड़ के पेड़ और पीरूल की अधिकता होने से वन विभाग भी आग पर काबू नहीं पा सका।
ग्रामीणों ने पानी और हरी टहनियांें से आग बुझाने का प्रयास किया। कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। ग्रामीणों ने बताया कि वहां आग बुझने के बाद सेमी गांव में आग लग गई। वन विभाग के रेंजर विक्रम रावत ने कहा कि आग पर काबू पाने के बाद फिर से असामाजिक तत्व जंगल में आग लगा दे रहे हैं।
पिछले दिनों में ही प्रदेश में करीब 350 मामले सामने आए हैं और करीब 400 हेक्टेयर जंगल इससे प्रभावित हुआ है।अभी तक कोई बड़ा मामले सामने नहीं आया है। प्रदेश में फायर सीजन 15 फरवरी से शुरू हुआ, लेकिन वन विभाग को इससे पहले से ही जंगलों के सुलगने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।