सुप्रीम कोर्ट में CBSE बोर्ड परीक्षाओं पर फैसले को लेकर सुनवाई शुरू होते हीं स्थगित हो गई है। केंद्र सरकार ने अपना फैसला साझा करने के लिए कोर्ट से दो दिन का समय मांगा है। इस पर मामले को स्थगित करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, CBSE से कहा है कि अगर उसने परीक्षा को आगे बढ़ाने का फैसला किया है और परीक्षा रद्द करने के लिए अपनी पिछले वर्ष की नीति का पालन नहीं करने का इरादा है तो उसके लिए उचित कारण भी बताएं।
सुप्रीम कोर्ट ने दो दिन के समय पर सहमति जताते हुए केंद्र और CBSE से गुरुवार तक अपना फैसला साझा करने को कहा है। न्यायमूर्ति खानविलकर ने अटॉर्नी जनरल से कहा, आप एक निर्णय लें। लेकिन अगर आप परीक्षा आयोजित नहीं करने के लिए पिछले साल लिए गए निर्णय से विचलित हो रहे हैं, तो आपको हमें अच्छे कारण बताना चाहिए। पीठ ने कहा कि जो भी निर्णय उचित हो, वह लें। लेकिन जो चिंताएं व्यक्त की गई हैं। उन्हें ध्यान में रखें। याचिकाकर्ता का कहना है कि पिछले साल की नीति का पालन किया जाना चाहिए। यदि आप पिछले साल की नीति से हटकर निर्णय ले रहे हैं तो आपको उचित कारण बताना होगा। लगभग इसी तरह की स्थिति पिछले वर्ष में थी।
सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि परीक्षाओं के मामले पर गुरुवार को अंतिम फैसला होगा। कोर्ट इस संबंध में अधिकारियों को समय देना स्वीकार करती है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया है कि वह पिछले साल की नीति के अनुरूप निर्णय की उम्मीद कर रहा है, जब बोर्ड ने परीक्षा रद्द कर दी थी। सीबीएसई ने 26 जून, 2020 को सुप्रीम कोर्ट में लंबी बहस के बाद लंबित कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने का निर्णय प्रस्तुत किया था।