देहरादून: आज कारगिल विजय दिवस है। उत्तराखंड के वीरों का देश कुर्बानी का लंबा इतिहास है। जब भी देश पर कोई संकट आया है। देवभूमि के जांबाजों ने मोर्चा संभाला और सर्वोच्च बलिदान देने में कभी पीछे नहीं हटे। 1999 के कारगिल युद्ध उत्तराखंड के 75 जवानों ने देश रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति दी थी। आजादी से पहले हों या आजादी के बाद हुए युद्ध। देश के लिए शहादत देना उत्तराखंड के वीरों की परंपरा रही है। आजादी के बाद से अब तक डेढ़ हजार से अधिक सैनिकों ने देश की रक्षा के लिए अपनी शहादत दे चुके हैं।
महावीरचक्र विजेता – मेजर विवेक गुप्ता, मेजर राजेश अधिकारी।
वीरचक्र विजेता- कश्मीर सिंह, बृजमोहन सिंह, अनुसूया प्रसाद, कुलदीप सिंह, एके सिन्हा, खुशीमन गुरुंग, शशि भूषण घिल्डियाल, रुपेश प्रधान व राजेश शाह।
सेना मेडल विजेता- मोहन सिंह, टीबी क्षेत्री, हरि बहादुर, नरपाल सिंह, देवेंद्र प्रसाद, जगत सिंह, सुरमान सिंह, डबल सिंह, चंदन सिंह, मोहन सिंह, किशन सिंह, शिव सिंह, सुरेंद्र सिंह व संजय।
मेन्स इन डिस्पैच- राम सिंह, हरि सिंह थापा, देवेंद्र सिंह, विक्रम सिंह, मान सिंह, मंगत सिंह, बलवंत सिंह, अमित डबराल, प्रवीण कश्यप, अर्जुन सेन, अनिल कुमार।
जनपद- शहीद जवान
देहरादून- 28
पौड़ी- 13
टिहरी- 08
नैनीताल- 05
चमोली- 05
अल्मोड- 04
पिथौरागढ़- 04
रुद्रप्रयाग- 03
बागेश्वर- 02
उधमसिंहनगर- 02
उत्तरकाशी- 01