देहरादून: ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना को लेकर सरकार और स्वास्थ्य विभाग कितने सक्रिय और सतर्क हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राजधानी देहरादून में शहर से सटे गांव पुरोहितवाला में छह लोगों की मौत के बाद भी जांच टीम नहीं पहुंची। यहां तक कि गांव में सैनिटाइजेशन भी नहीं कराया गया। इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।
बीरपुर गढ़ी कैंट से सटे गांव पुरोहितवाला निवासी उमा उपाध्याय और नरेश बहादुर ने बताया कि गांव में 105 परिवारों के करीब 300 लोग रहते हैं। इसमें से 75 फीसदी ग्रामीण कोरोना से संक्रमित हैं। पिछले 20 दिन में गांव में 6 लोगों की मौत हो चुकी है। जान गंवाने वालों में चार लोग कोरोना से संक्रमित थे। जबकि, अन्य दो सर्दी, खांसी, बुखार से पीड़ित थे। इससे गांव वाले डरे हुए हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग को सभी चीजों की जानकारी है। सब जानते हुए भी गांव में अब तक टीम नहीं भेजी गई है। लोगों की टेस्टिंग भी नहीं की जा रही है। दूसरी और गांव में पीने के पानी का संकट भी बना हुआ है, जिससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि न गांव में कोई सुरक्षा किट वितरित की गई है और न ही बुजुर्गों के टीकाकरण के लिए कोई कैंप लगाया गया है।