बालासोर में हुए रेल हादसे के बाद वहां मरम्मत का काम लगभग पूरा हो चुका है। घटनास्थल कोलकाता-चेन्नई मेन लाइन का हिस्सा है, जिसकी वजह से काफी ट्रेनों का रूट बदला गया है।
मृतकों की पहचान कर परिजनों को सौंपना एक चुनौती
केंद्रीय मंत्री ने धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि “जिन लोगों की मौत हुई है, उनकी पहचान कर उनके परिजनों को सौंपा जाना है। दूसरा, यह है कि जो भी अस्पताल में भर्ती है, उनको सही इलाज के लिए अलग-अलग अस्पतालों के आईसीयू और अन्य सुविधाएं दी जा रही है। हेल्प डेस्क भी खोल दिया गया है, ताकि लोगों को सुविधाएं दी जा सके। इस घटना में मारे गए लोगों के परिजनों और घायलों के लिए मुआवजे की जिम्मेदारी भी ली गई है।”
कोलकाता और चेन्नई के मेन लाइन का हिस्से में हादसा
वहीं उन्होनें बताया कि “मरम्मत का काम पूरा हो चुका है, लेकिन अब भी कुछ परेशानियां है, जिसको लेकर काम चल रहा है। NDRF, ODRF की पूरी टीम ने रात भर काम किया है।” रेल मंत्रालय के मुताबिक, 1000 से ज्यादा लोग मरम्मत के काम में लगे हुए हैं। हालात को जल्दी सामान्य बनाने के लिए 7 से अधिक पोकलेन मशीनें, 2 दुर्घटना राहत ट्रेन, 3-4 रेलवे और रोड क्रेन तैनात किया गया है। केंन्द्रीय मंत्री ने कहा, “जिस स्थान पर हादसा हुआ है, वो कोलकाता और चेन्नई का मेन लाइन का हिस्सा है, जिसकी वजह से कई ट्रेनों को डायवर्ट और रद्द किया गया है। जितनी जल्दी हो सकता है, उन सभी ट्रेनों का आवागमन शुरू कर दिया जाएगा। रास्तों के मरम्मत में काफी तेजी लाई गई है और कई हद तक मरम्मत का काम पूरा भी हो चुका है।”