उत्तराखंड भी चला हरियाणा की राह पर। अब हरियाणा की तर्ज पर उत्तराखंड में भी परिवार पहचान पत्र बनाए जाएंगे। इस पहचान पत्र की खात बात हो कि लोगों को अलग से आय, जाति, निवास, दिव्यांग और विकलांग आदि प्रमाण पत्र बनाने की जरूरत नहीं होगी। बल्कि इस पहचान पत्र के माध्यम से पहचान पत्र धारक परिवार सभी सरकारी सेवाओं का निर्बाध लाभ उठा सकेंगे। उत्तराखंड में 23 लाख परिवारों के बनाए जाएंगे पहचान पत्र जो सरकारी योजनाओं के लिए होगा जरूरी।
- Advertisement -
गौरतलब है कि हरियाणा सरकार ने अपने यहां लोगों के परिवार पहचान पत्र बनाए हैं। इसी के तर्ज पर अब उत्तराखंड सरकार ने भी ऐसे ही पहचान पत्र बनाने का फैसला लिया है। इस काम के लिए नियोजन विभाग को नोडल विभाग बनाया गया। इस पहचान पत्र के बन जाने के बाद लोगों को अलग से आय, जाति, निवास, दिव्यांग और विकलांग आदि प्रमाण पत्र बनाने की जरूरत नहीं होगी। जबकि सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए भी परिवार पहचान पत्र ही अनिवार्य होगा।
नियोजन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक राज्य के 23 लाख परिवारों का परिवार पहचान पत्र बनाए जाएगे। जिसके लिए विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी गईं हैं। इसके तहत एनआईसी को पत्र भेजकर पूछा गया है कि क्या एनआईसी की ओर से कार्ड बनाने का कार्य किया जा सकता है। सूत्रों की माने तो कि परिवार पहचान पत्र 14 अंकों का होगा और इसमें परिवार से जुड़ी सभी तरह की जानकारियां शामिल होंगी।
बच्चे के जन्म लेने, बच्चे को गोद लेने, शादी और मृत्यु होने के बाद की जानकारी इस कार्ड में अपडेट होती रहेगी। एक बार कार्ड बन जाने के बाद उससे जुड़ी अन्य सभी जानकारियां खुद ही सामने होंगी और अलग से कोई प्रमाण पत्र बनाने की आवश्यकता नहीं होगी।