Big News : कोरोना काल में पूर्व CM त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिखाई दरियादिली, 1 करोड़ रुपए देने का ऐलान - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

कोरोना काल में पूर्व CM त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिखाई दरियादिली, 1 करोड़ रुपए देने का ऐलान

Reporter Khabar Uttarakhand
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देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश में कोविड के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए रविवार को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मुलाक़ात की।उन्होंने कोविड से निपटने के लिएअपने कार्यकाल में उठाए गए कदमों और कार्यों के अनुभव को साझा किया। त्रिवेंद्र ने मुख्यमंत्री को राज्य में कोविड से निपटने के लिए सहयोग के तौर पर अपनी विधायक निधि से मुख्यमंत्री राहत कोष में 1 करोड़ की धनराशि के अंशदान की भी घोषणा की। उन्होंने सुझाव दिया है कि बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लोगों की जान बचाने के लिये प्रदेश में सख़्ती बरतने में हिचक नहीं होनी चाहिये।

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि देश में कोविड महामारी से उत्पन्न ऑक्सीजन संकट को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देशभर में 551 और ऑक्सीजन उत्पादन प्लांटों के प्रस्ताव के फ़ैसले से स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूती मिलेगी। इस पर ख़र्च होने वाली राशि का वहन PM केयर फंड से किया जाएगा। कोविड के ख़िलाफ़ टीकाकरण अभियान के अगले चरण में एक मई से 18-45 वर्ष के नागरिकों को टीकाकरण किया जाएगा। वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है इसलिए सभी नागरिक अपनी बारी आने पर अवश्य टीका लगायें।

उन्होंने आज माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अप्रैल माह की “मन की बात” को सुना। इस बार की मन की बात में कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाने को लेकर बेहद ही महत्वपूर्ण जानकारियां माननीय प्रधानमंत्री द्वारा साझा की गई। प्रधानमंत्री ने कोरोना की दूसरी लहर के बारे में देश के विभिन्न राज्य के चुनिंदा देवतुल्य डॉक्टरों, फ्रंटलाइन वर्कर्स, एम्बुलेंस ड्राइवर, कोविड विनर इत्यादि लोगों से बात कर उनके अनुभवों के बारे में जाना।

उन्होंने कहा कि अनुभवों से यह निकलकर सामने आया कि हमें बिल्कुल भी इस महामारी से घबराना नहीं है। संयम बनाए रखना है और सावधानी के साथ आगे बढ़ना है। इस संकट काल में धैर्य बिल्कुल भी नहीं खोना है। डॉक्टरों ने दूसरी लहर को पहले लहर कि तुलना में तेज जरूर बताया है लेकिन यह भी बताया कि इस समय रिकवरी रेट पहले की तुलना में ज्यादा है और इसमें मृत्यु दर भी कम है।

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