देहरादून : पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत गुरुवार को बालावाल में आयोजित होली मिलन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि की तौर पर पहुंचे जहां इशारों ही इशारों में पूर्व सीएम बहुत कुछ बोल गए। सीएम की कुर्सी गंवाने के बाद पू्र्व सीएम त्रिवेंद्र रावत को महाराभारत के अभिमन्यू की याद आई। उनके बयान से पार्टी के प्रति नाराजगी साफ झलकी। दैनिक जागरण की खबर के अनुसार कार्यक्रम में अपने संबोधन में पूर्व सीएम ने कहा कि अभिमन्यु की मौत पर द्रौपदी ने शोक नहीं किया, क्योंकि कौरवों ने अभिमन्यु को छल से मारा था। द्रौपदी ने हाथ उठाकर पांडवों से कहा कि इसका प्रतिकार करो और कौरवों को जवाब दो।
इस समारोह में त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि बतौर मुख्यमंत्री उनकी योजनाएं महिलाओं और युवाओं को मजबूत करने के लिए थीं। चार साल सिर्फ प्रदेश के विकास पर जोर दिया। शायद कुछ व्यक्तियों को इससे कष्ट हुआ होगा। इस पर वह कुछ नहीं कह सकते, लेकिन राजनीति की काली सुरंग में कभी ऐसा काम नहीं करेंगे कि प्रदेशवासियों से आंख न मिला सकें। उन्होंने खुशी जताते हुए कहा कि मुझे खुसी है कि वो बेदाग होकर निकले और उनके ऊपर कोई भी दाग नहीं लगा। उन्होंने जनता को कहा कि वो जनसेवक रूप में हमेशा उनके साथ रहेंगे।
इस दौरान पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत को महाभारत की याद आई। त्रिवेंद्र रावत ने महाभारत के युद्ध का एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि छल करने वालों का प्रतिकार किया जाता है। पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कोरोना संक्रमण बढऩे के कारण वह कार्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहते थे, लेकिन कहीं लोग यह न सोचें कि मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद वह शोक या दुख में हैं, इसलिए कार्यक्रम में पहुंचे। उन्होंने अपील की कि कोरोना को लेकर बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हालात फिर बिगड़ रहे हैं। ऐसे में भीड़ एकत्रित न हो, इसका ध्यान रखा जाना चाहिए।