किसान आंदोलन का आज 44वां दिन है और आज किसान-सरकार आठवीं बार बात करने जा रहे हैं। हर किसी की नजर इसी पर है कि आज क्या फैसला होगा। क्या सरकार किसानों की मांगों को मानेगी? क्या किसान पीछे हटेंगे या यूं ही डटे रहेंगे। जी हां बता दें कि आज एक बार फिर दोपहर 2 बजे सरकार और किसान बातचीत की मेज पर बैठेंगे. पिछली बातचीत 30 दिसंबर को हुई थी तो दोनों पक्षों के बीच के तनाव नजर आया। किसान डटे रहे। किसानों की दो मांगों पर बात बन गई थी. लेकिन एमएसपी का लिखित भरोसा और कानून वापस लेने पर पेंच फंसा हुआ है. किसानों का साफ कहना है कि इससे कम कुछ मंजूर नहीं है.
वहीं आठवें राउंड की औपचारिक बातचीत से पहले एक मध्यस्थ सामने आए हैं. नानकसर सम्प्रदाय के जुड़े बाबा लक्खा सिंह ने केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से मुलाकात की. किसानों और सरकार के बीच मध्यस्थता के लिए उन्होंने कृषि मंत्री को प्रस्ताव दिया. निजी चैनल ने बात करते हुए बाबा लक्खा सिंह ने दावा किया कि केंद्रीय कृषि मंत्री उनसे बातचीत के दौरान रो पड़े. उन्होंने कहा कि सरकार ने बड़े ध्यान से दो घंटे तक हमारी बात सुनी.
वहीं आज किसानों की सरकार से मांगों को लेकर आठवीं बार बात होगी। जिसमे किसान कई मांगो को सरकार के सामने रखेंगे। किसानों का साफ तौर पर कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वो अपनी शहादत देंगे। कई किसानों ने आत्महत्या भी की। ऐसे में सरकार के आगे मुश्किल आ खड़ी हुई है। देखना होगा की दोपहर को होने वाली बातचीत में क्या फैसला लिया जाता है।