मणिपुर के हालात काफी चिंताजनक है। वहां हर परिवार काफी परेशान है, लेकिन अपने परिवार की चिंता किए बिना एक वैज्ञानिक ने अपने देश के मिशन पर ध्यान दिया और उसे सफल भी कराया। ये वैज्ञानिक है निंगथौजम रघु सिंह जो मणिपुर में बिष्णुपुर जिले के रहने वाले है और अपने काम के कारण दो साल से घर भी नहीं गए।
साधारण परिवार से आते है वैज्ञानिक रघु
वैज्ञानिक निंगथौजम मणिपुर के विष्णुपुर जिले के थांगा गांव के रहने वाले हैं। ये एक साधारण परिवार से आते हैं। चाओबा सिंह और एन याइमाबी देवी के पुत्र चाओबा सिंह और एन याइमाबी देवी के पुत्र रघु सिंह आईआईएससी बैंगलोर के पूर्व छात्र हैं। सिंह ने आईआईटी-गुवाहाटी से फिजिक्स में स्नातकोत्तर (स्वर्ण पदक विजेता) पूरा किया और डीएम कॉलेज ऑफ साइंस इम्फाल से फिजिक्स में स्नातक किया। वह 2006 में वैज्ञानिक के रूप में इसरो में शामिल हुए। पिछले दो साल से वो अपने घर नहीं जा पाए हैं।
व्हाट्सएप और फेसबुक को कहा धन्यवाद
बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के वैज्ञानिक निंगथौजम सिंह उन अहम लोगों में शामिल थे, जो चंद्रयान-3 को चंद्रमा पर भेजने के लिए जिम्मेदार लोगों में से एक थे। निंगथौजम ने कहा, मुझे घर की याद आती है, लेकिन अपने काम की महत्वता के कारण लगभग दो साल से वहां नहीं गया हूं। अभी तक यह तय नहीं किया है कि अगली बार घर कब जाना है। लेकिन, मुझे अपने माता-पिता के साथ लगभग हर दिन बातचीत करने में मदद करने के लिए व्हाट्सएप और फेसबुक जैसी तकनीक को धन्यवाद देना चाहिए।
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह जाहिर की खुशी
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर कहा कि यह साझा करते हुए खुशी हो रही है कि मणिपुर के एक वैज्ञानिक, डॉ. रघु निंगथौजम, थंगा, बिष्णुपुर से चंद्रयान चंद्रमा लैंडिंग मिशन का हिस्सा थे। उन्होंने इसी के साथ हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि मणिपुर के लोग हमेशा मजबूती से वापसी करते हैं और आगे भी करेंगे।