देहरादून: उत्तराखंड रोडवेज की माली हालत किसी से छुपी नहीं है। खराब आर्थिक स्थिति के चलते निगम कर्मचारियों को वेतन तक नहीं दे पा रहा है। बार-बार सरकार से मदद की गुहार लगाता है, बावजूद निगम को कुछ खास लाभ नहीं हो पाया है। रोडवेज अब अपनी माली हालत खुद मजबूत करेगा। हाईकोर्ट के आदेश के बाद शुरुआती रिवाइवल प्लान तैयार कर लिया गया है।
रोडवेज ने 2024-25 तक 500 बसों को सीएनजी सिस्टम में बदलने का निर्णय लिया है। साथ ही कुछ डिपो खत्म कर कर्मचारियों को कम करने की भी योजना बनाई है। रोडवेज के एमडी अभिषेक रुहेला ने यह रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। इसे सरकार ने हाईकोर्ट के सामने भी पेश किया। इस रिपोर्ट में रोडवेज ने अपनी आर्थिक स्थिति को बारीकी से जिक्र किया है। माना जा रहा है कि यह रिपोर्ट अभी फाइनल नहीं है।
सीएनजी में कनवर्ट होने के बाद निगम को 57.3 करोड के डीजल की बचत होगी। 500 बसों को सीएनजी में बदलने पर दिल्ली रूट पर डिपो से डिपो तक नॉनस्टॉप बस सेवाएं शुरू की जाएंगी। एसीपी-प्रमोशन का अधिकार मंडल से छिनेगा, यह सब मुख्यालय से तय किया जाएगा। रिटायर होने वाले कर्मियों की जगह नई भर्ती नहीं होगी और सरप्लस कर्मी भी हटाए जाएंगे। सभी नियमित कर्मचारियों की जिम्मेदारी के साथ ही उनका काम भी बढ़ाया जाएगा।